चित्तौड़गढ़ 7 अक्टूबर। मीरा महोत्सव-2011 के आयोजक मीरा स्मृति संस्थान अध्यक्ष भंवरलाल शिशोदिया के अनुसार छः दिवसीय मीरा महोत्सव का शुभारम्भ 8 अक्टूबर को मीरा भजन प्रतियोगिता के साथ ही दोपहर सवा दो बजे होगा। प्रतियोगिता के संयोजक और संस्थान के सहसचिव जे.पी. भटनागर के अनुसार श्री सांवलिया विश्रान्ति गृह में अब तक पंजीकृत 60 प्रतिभागी प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। भटनागर के अनुसार इस प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि कोकिला शुक्ला और अध्यक्षता डाॅ. श्रीमती हुसैन करेगी। महोत्सव के दुसरे दिन 9 अक्टूबर दोपहर ढाई बजे विश्रान्ति गृह के सभागार में ही नगर के प्रतिभागी मीरा कृष्ण बनो प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे जिसके मुख्य अतिथि श्रीमती मंजु धाकड़ होंगी। 8 और 9 अक्टूबर की इन प्रतियोगिताओं के संचालन हेतु उषा रांधड़, कपिला धोका, कुंतल तोषनीवाल और उषा शिशोदिया सूत्रधार की भूमिका में रहेगी।
इधर महोत्सव के अंतिम दिन होने वाले प्रमुख आकर्षक गरबा डांडिया प्रतियोगिता हेतु समन्वय समिति की बैठक संयोजक और संस्थान के कोषाध्यक्ष अर्जुन मूंदड़ा के कार्यालय पर हुई जिसमें बताया गया कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 21, 15 और 5 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए दल 8 अक्टूबर शाम साढ़े पांच बजे तक अपनी प्रविष्टियां दे सकेंगे। पिछले तीन सालों से चले आ रहे इस गरबा डांडिया में पहली बार प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर नगर के दलों में काफी उत्साह है।
मुख्य रूप से समारोह में 10 से 12 अक्टूबर तक रोजाना शाम 7 बजे से गोरा बादल स्टेडियम में बालव्यास राधाकृष्ण जी महाराजा द्वारा ‘नानी बाई का मायरा’ जैसी लोकप्रिय कथा का संगीतमय पाठ किया जाएगा।
संस्थान के सचिव प्रो. सत्यनारायण समदानी के अनुसार पूरे महोत्सव का खाका लगभग तैयार हो चुका है। आयोजन के बेहतर क्रियान्वयन हेतु अलग अलग समितियां अपने स्तर पर बैठकें कर कार्य कर रही है। आवास समिति संयोजक नवरतन पटवारी, परिवहन व्यवस्था समिति कर्नल रणधीरसिंह, बैठक व्यवस्था समिति राकेश मंत्री, उषा रांधड़, मंच संचालन समिति डाॅ. कमलाकान्त शर्मा, मीरा संगोष्ठी आयोजन समिति डाॅ. ओमानन्द सरस्वती, सम्मान पुरस्कार समिति डाॅ. ए.एल. जैन, मीरा मंदिर कार्यक्रम समिति मुकेश कुमार चीपड़, कथा स्थल निर्माण समिति हरिसिंह चैहान, वित्त व्यवस्था समिति भंवरलाल शिशोदिया, प्रसाद वितरण व्यवस्था समिति रामायण मंडल, प्रचार प्रसार समिति रामप्रसाद मूंदड़ा, समन्वय समिति भागचन्द मूंदड़ा आदि को संयोजक बनाते हुए कार्य किया जा रहा है।
(माणिक)
संस्थान सदस्य
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