उदयपुर १४ अक्टूबर, २०११ वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक के चार कर्मचारियों को विज्ञान भवन नयी दिल्ली में १३ अक्टूबर, २०११ को आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार-२००९ से सम्मानित किया गया। हिन्दुस्तान जिंक के चार कर्मचारियों को 'श्रम भूषण अवार्ड' तथा 'श्रम वीर अवार्ड' से पुरस्कृत किया गया है। प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार के उपक्रम एवं निजी क्षेत्र की इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों के अनुकरणीय, असाधारण साहस, सजगता, उल्लेखनीय निष्पादन, उत्कृष्ट प्रदर्द्गान, नवाचार तथा सराहनीय कार्य के लिए प्रदान किया जाता है ।
हिन्दुस्तान जिंक की इकाई जिंक स्मेल्टर, देबारी में कार्यरत श्री भूरालाल नागदा तथा श्री जगदीद्गा चन्द्र जाट को उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान तथा नवाचार के लिए 'श्रम भूषण अवार्ड' प्रदान किये गये। इस पुरस्कार में १००,००० रु. नगद तथा 'सनद' प्रदान किया जाता है।
जिंक स्मेल्टर देबारी में कार्यरत श्री डालचन्द लौहार तथा रामपुरा-आगुचा खान में कार्यरत श्री महेन्द्र कुमार सोनी को समर्पित सेवाएं एवं उत्पादकता में विद्गिाष्ट योगदन के लिए 'श्रम वीर अवार्ड' से पुरस्कृत किये गये । इस पुरस्कार में ६०,००० रु. नगद तथा 'सनद' प्रदान किया जाता है ।
यह पुरस्कार भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा प्रदान किया गया ।
श्री नागदा वर्तमान में जिंक स्मेल्टर देबारी में फिटर 'बी' के पद पर कार्यरत हैं। श्री नागदा डी-बोटलनेकिंग एवं समस्याओं के हल ढूढंने में गहरी रूचि लेते हुए मौजूदा प्रणाली में अपने आदर्द्गा विचारों एवं नवाचारों के माध्यम से ऐतिहासिक संसोधन एवं परिवर्तन किये हैं। नवाचारों तथा सुझावों के क्रिन्यावन से प्लांट में बिजली खपत में कमी तथा उत्पादन उपलब्धता में सुधार एवं उत्पादन लागत में कमी आई हैं ।
श्री जगदीद्गा चन्द्र जाट वर्तमान में जिं क स्मेल्टर देबारी में सहायक फोरमेन (मेकेनिकल) के पद पर कार्यरत हैं। श्री जाट आधुनिक तकनीक एवं उन्नयन के प्रति उत्साहित हैं तथा जो तकनिकी उद्योग के लिए अधिक लागत तथा असुरक्षित साबित होती हैं ऐसे उपकरणों में सुधार एवं संसोधन के लिए उपयुक्त सुझाव दिये हैं।
हिन्दुस्तान जिंक की इकाई जिंक स्मेल्टर, देबारी में कार्यरत श्री भूरालाल नागदा तथा श्री जगदीद्गा चन्द्र जाट को उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान तथा नवाचार के लिए 'श्रम भूषण अवार्ड' प्रदान किये गये। इस पुरस्कार में १००,००० रु. नगद तथा 'सनद' प्रदान किया जाता है।
जिंक स्मेल्टर देबारी में कार्यरत श्री डालचन्द लौहार तथा रामपुरा-आगुचा खान में कार्यरत श्री महेन्द्र कुमार सोनी को समर्पित सेवाएं एवं उत्पादकता में विद्गिाष्ट योगदन के लिए 'श्रम वीर अवार्ड' से पुरस्कृत किये गये । इस पुरस्कार में ६०,००० रु. नगद तथा 'सनद' प्रदान किया जाता है ।
यह पुरस्कार भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा प्रदान किया गया ।
श्री नागदा वर्तमान में जिंक स्मेल्टर देबारी में फिटर 'बी' के पद पर कार्यरत हैं। श्री नागदा डी-बोटलनेकिंग एवं समस्याओं के हल ढूढंने में गहरी रूचि लेते हुए मौजूदा प्रणाली में अपने आदर्द्गा विचारों एवं नवाचारों के माध्यम से ऐतिहासिक संसोधन एवं परिवर्तन किये हैं। नवाचारों तथा सुझावों के क्रिन्यावन से प्लांट में बिजली खपत में कमी तथा उत्पादन उपलब्धता में सुधार एवं उत्पादन लागत में कमी आई हैं ।
श्री जगदीद्गा चन्द्र जाट वर्तमान में जिं क स्मेल्टर देबारी में सहायक फोरमेन (मेकेनिकल) के पद पर कार्यरत हैं। श्री जाट आधुनिक तकनीक एवं उन्नयन के प्रति उत्साहित हैं तथा जो तकनिकी उद्योग के लिए अधिक लागत तथा असुरक्षित साबित होती हैं ऐसे उपकरणों में सुधार एवं संसोधन के लिए उपयुक्त सुझाव दिये हैं।
श्री डालचन्द लौहार वर्तमान में ज़िंक स्मेल्टर देबारी में सहायक फोरमेन (इलैक्ट्रिद्गियन) के पद पर कार्यरत है। श्री लौहार संयंत्र में स्थापित विद्युत उपकरणों की समस्याओं के निदान के लिए नवाचार एवं महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं जिसके परिणामस्वरूप बिजली नेटवर्क वितरण की विद्गवसनियता में बढोतरी हुई है तथा कल पुर्जों की लागत में कमी आई है।
श्री महेन्द्र कुमार सोनी वर्तमान में रामपुरा-आगुचा खान में सहायक फोरमेन (ओर-डे्रेसिंग) के पद पर कार्यरत हैं। श्री सोनी उत्पादकता में सुधार एवं नवाचार के लिए उल्लेखनीय योगदान दिये हैं। जस्ता-सीसा धातु प्रतिप्राप्ति के दक्षता के लिए विद्गिाष्ट सुझाव दिये जिसके परिणामस्वरूप जस्ता-सीसा धातु की प्रतिप्राप्ति में बढ ोतरी हुई। श्री सोनी के सराहनीय प्रयास से प्लांट के धूल एवं दबाव से सुरक्षित के परिणामस्वरूप आस-पास के क्षेत्र में पर्यावरण भी साफ सुथरा रहा। श्री सोनी कार्यस्थल पर सुरक्षा नियमों का भी कडाई से अनुपालन करते हैं ।
प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार उन कामगारों को प्रदान किया जाता है जो अपने जीवन की परवाह किये बिना जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करते हैं।
हिन्दुस्तान जिंक विद्गव का सर्वोत्तम एकीकृत जस्ता-सीसा उत्पादक है तथा निजीकरण के बाद हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी उत्पादन क्षमता में पांच गुना बढोतरी की है। पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी क्षमता बढाकर २७५ मेगावाट कर दी है ।
पवन कौद्गिक
श्री महेन्द्र कुमार सोनी वर्तमान में रामपुरा-आगुचा खान में सहायक फोरमेन (ओर-डे्रेसिंग) के पद पर कार्यरत हैं। श्री सोनी उत्पादकता में सुधार एवं नवाचार के लिए उल्लेखनीय योगदान दिये हैं। जस्ता-सीसा धातु प्रतिप्राप्ति के दक्षता के लिए विद्गिाष्ट सुझाव दिये जिसके परिणामस्वरूप जस्ता-सीसा धातु की प्रतिप्राप्ति में बढ ोतरी हुई। श्री सोनी के सराहनीय प्रयास से प्लांट के धूल एवं दबाव से सुरक्षित के परिणामस्वरूप आस-पास के क्षेत्र में पर्यावरण भी साफ सुथरा रहा। श्री सोनी कार्यस्थल पर सुरक्षा नियमों का भी कडाई से अनुपालन करते हैं ।
प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार उन कामगारों को प्रदान किया जाता है जो अपने जीवन की परवाह किये बिना जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करते हैं।
हिन्दुस्तान जिंक विद्गव का सर्वोत्तम एकीकृत जस्ता-सीसा उत्पादक है तथा निजीकरण के बाद हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी उत्पादन क्षमता में पांच गुना बढोतरी की है। पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी क्षमता बढाकर २७५ मेगावाट कर दी है ।
पवन कौद्गिक
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