उज्जैन 26 अप्रैल। उज्जैन नगरी में सिंहस्थ के दौरान श्रृद्धालु क्षिप्रा नदी में स्नान के बाद साधु-संतों से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। विभिन्न पंथों एवं सम्प्रदाय के केम्प में साधु-संतों के आने-जाने का सिलसिला जारी है। उज्जैन नगरी में सिंहस्थ के दौरान ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक दृष्टि से क्षिप्रा नदी में स्नान का पुण्य लाभ श्रृद्धालुओं को प्राप्त हो रहा है। मंगलनाथ क्षेत्र में रावतपुरा सरकार के संत श्री रविशंकर महाराज आश्रम, कामधेनू महात्यागी आश्रम, श्री माधवगौडेश्वर, महामण्डलेश्वर रघुनाथदास जी महाराज, सदगुरू रणछोड़ नगर, रामशिरोमणी दास, श्री मीरामेवाड़ खालसा, कोलूनाथ खालसा, लालतुंगी खालसा, रामनन्दीगिर निर्मोही अखाड़ा, श्री बड़कला मंदिर दूधराज धाम आदि स्थानों पर केम्पों में श्रृद्धालु ज्ञान अर्जित कर आत्मसात कर रहे हैं। यह सिलसिला इस महाकुंभ के दौरान अनवरत जारी है। रावतपुरा सरकार के संत श्री रविशंकर महाराज द्वारा मंगलनाथ झोन के खिलचीपुर क्षेत्र में स्थित अपने केम्प में महाकुंभ के प्रथम दिन यज्ञ करवाया गया। यज्ञ में विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ की समाप्ति हुई। इसी प्रकार अन्य आश्रमों में भी भजन-कीर्तन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान दिया जा रहा है। सिंहस्थ पर्व के दौरान भारत के विभिन्न प्रांत के साधु-संत एकत्रित हुए हैं। इनमें सन्यासी, उदासीन, निर्मल, दादूपंथी, नाथपंथ, अलवरपंथ, कबीरपंथी, वैष्णव तथा खालसा आदि प्रमुख हैं। गढ़कालिका सेक्टर में श्रृद्धालु, साधु-संतों का दर्शन लाभ लेते हुए उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। इस क्षेत्र में मॉ कालिका की भी आराधना कर रहे हैं।
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