नई दिल्ली/चित्तौड़गढ़, 21 अक्टुबर 2016/ केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 के लिये जारी की गई अफीम नीति में क्षेत्र के हजारों किसानों के पट्टे बढ़े है। इस वर्ष जारी की गई अफिम नीति में सांसद सी.पी.जोशी के प्रयासों से गत वर्ष के साथ-साथ पिछले कई वर्षो से कटे अफीम पट्टे बहाल हुये है। वर्ष 2015-16 में फसल हंकवाने वाले काश्तकारों को इस वर्ष पट्टा दिया जायेगा। पहले लगातार दो साल हकवाने वाले को पट्टा नहीं मिलता था। परन्तु इस बार लगातार तीसरा वर्ष होने पर भी किसानों को पट्टा दिया जायेगा। वर्ष 2015-16 में जिन किसानों ने अफीम फसल का उत्पादन किया उनको निर्धारित 58 की औसत के स्थान पर औसत में कमी करते हुये 49 की औसत के आधार पर पट्टे दिये जायेंगे। इसके साथ ही इस बार सबसे महत्वपूर्ण निर्णय अफीम नीति में यह हुआ कि फसल वर्ष 2004-05 से लेकर अभी तक जिन किसानों के पट्टे औसत के आधार पर कटे थे उनको लाईसेंस कटने सहित पूर्ववर्ती 5 वर्षो में निर्धारित औसत से अधिक 103 प्रतिशत के बराबर अफीम फसल जमा करवाई हो उनको नये पट्टे जारी किये जायेंगे। 103 प्रतिशत की गणना पाँचों वर्ष में निर्धारित औसत की पूर्ति करते हुये 3 प्रतिशत अधिक के आधार पर की जायेंगी। नई अफीम नीति में ऐसे किसान जिनको ंवर्ष 2015-16 में अफीम लाईसेंस देर से जारी हुये जिसे कारण बुवाई की अंतिम तारिख निकल गई उनको ंभी इस वर्ष खेती करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसके साथ-साथ 2013-14 से लेकर 2015-16 तक लाईसेंस के पात्र थे परन्तु वह किसी भी कारण खेती नहीं कर पाया हो उसको भी इस वर्ष लाईसेंस दिये जायेंगे। इस अफीम नीति में दिवंगत किसानों के कानूनन वारिसों को भी एक वारिस निर्धारण के बाद इस वर्ष पटटे दिये जायेंगे। नई अफीम नीति से लगभग तीस हजार कटे हुये पट्टे बहाल होंगे। चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र के भी हजारों पट्टे इस नई अफीम नीति में बढेंगे।
उल्लेखनीय है कि सांसद सी.पी.जोशी के प्रयासों से वर्तमान सरकार ने पूर्व में अफीम नीति में कई किसान हितेषी निर्णय लिये है जिसमें अफीम किसानों के लिये गाढ़ता के नियम की समाप्ती, अफीम कृषि हेतु गाव में 6 पट्टों की अनिवार्यता समाप्त करते हुये एक पट्टा होने पर भी किसान को अफीम खेती करने की छूट दिलवाई गई, किसानों को अफीम फसल में खराबे के कारण हंकवाई के पष्चात् पोस्त दाना लेने का निर्णय, ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को पुनः लाईसेंस देने का निर्णय, गाँव में एक पट्टे पर भी अफीम खेती किये जाने का निर्णय, वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक 55 डिग्री से कम गाढ़ता के कारण कटे अफीम को बहाल किये जाने का निर्णय, अफीम के पट्टे मुखिया के माध्यम से सीधे गाँव में किसानों को वितरित करने का निर्णय, गैर आबाद गाँव में अफीम बुवाई करने निर्णय, सरकार द्वारा अफीम खरीद पर मूल्य बढ़ाने का निर्णय जैसे अनेक निर्णय इस सरकार द्वारा पहली बार किये गये।
सांसद जोशी ने इस नई अफीम नीति में वंचित किसानों को इस खेती से पुनः जोड़ने के लिये केन्द्रीय वित्त मंत्री महोदय श्री अरूण जेटली, वित्त राज्य मंत्री महोदय श्री संतोष जी गंगवार का आभार प्रकट किया है।
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