
सोसायटी के संरक्षक डॉ.ए.एल.जैन, श्रीमती नीतू ढील और वरिष्ठ चित्रकार डी. एन. व्यास ने बताया कि इस आयोजन में भारत सरकार का पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, सैनिक स्कूल, सांस्कृतिक आन्दोलन स्पिक मैके, साहित्यिक संस्था अपनी माटी, स्काउट-गाइड इकाई जैसी संस्थाओं सहित कई संस्कृतिप्रेमी अपना सहयोग दे रहे हैं। आयोजन में जिले के चुने हुए तीस स्कूली विद्यार्थियों को राज्यभर से आये कलाकार चित्रकारी के गुर निशुल्क रूप से सिखायेंगे। सताईस से इकत्तीस दिसंबर तक रोजाना सुबह ग्यारह से दोपहर एक बजे तक यह पांच दिवसीय कार्यशाला चित्तौड़ दुर्ग स्थित विभिन्न साइट पर होगी।कार्यशाला में अपने स्कूल संस्था प्रधान के मार्फ़त आवेदन किया जा सकता है।
इसी श्रृंखला में तीस दिसंबर की दोपहर एक दो आर्ट केम्प भी होना है जिसमें बीस युवा कलाकार खुद कुम्भा महल परिसर में कृतियाँ बनायेंगे। आयोजन समिति से जुड़े चित्रकार दीपिका शर्मा और सुबोध जोशी ने बताया कि यह हमारे चित्तौड़गढ़ जैसे शहर के लिए नया और अनोखा आयोजन साबित होगा जो यहाँ के चित्रकलाप्रेमी प्रेरित हो सकेंगे। सोसायटी के साथी चित्रकार मनोज कुमार यादव और लक्ष्मीनारायण वर्मा के अनुसार फेस्टिवल का समापन तीन जनवरी शाम पांच बजे सैनिक स्कूल के शंकर मेनन सभागार में एक सेमीनार के रूप में होगा जहां चित्रकला के जानकार वक्ता आधुनिक चित्रकारी परिदृश्य पर अपने अनुभव साझा करेंगे। सेमीनार में जिले के विद्यार्थियों द्वारा तैयार चित्राकृतियो की प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी।
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