
आचार्य संम्राट व अन्य संतो की कृपा के साथ भामाशाहों के योगदान से यहा स्वाध्याय भवन का निर्माण हुआ है जिसके उद्घाटन समारोह में आये डाॅ शिवमुनि से ऐसी अनुभूति हुई मानों शबरी के घर राम आये हो। वंदना बोहरा ने स्वागत ज्ञान प्रस्तुत करते हुए कहा कि शम्भुपुरा के भक्ति इतिहास मे ंआचार्य श्री के आमगन से एक स्वर्णिम प्रशन जुडा है, आनंद रत्न गु्रप के बाला साहेब रतनलाल धोखा ने आचार्य श्री को नमन करते हुए जब अपने ही अंदाज में भाामशाहों को प्रेरित किया तो धर्म सभा में ही स्वाध्याय भवन के लिये करीब 7 लाख के दान की घोषणा की गई। मेवाड़ी माटी के लाल शिरिष मुनि जी महाराज ने भी आशीर्वचन दिया। इस अवसर पर श्रावक संघ की ओर से समारोह के अध्यक्ष मुम्बई के नरेश लोढा, मुख्य अतिथि शांतिलाल भड़कत्या, अशोक डांेगरे, उंकार सिंह सिसोदिया, जसवंत कुमार कोठारी के साथ ही स्वाध्याय भवन का स्वप्न साकार होने पर मिश्री लाल कोठारी भूखण्ड भंेटकर्ता शंकर लाल बडाला का शाॅल ओढा कर अभिनंदन किया गया। इससे पूर्व आचार्य श्री को अरनियापंथ से बड़ी संख्या में जैन श्रृद्धालुओं ने भगवान महावीर के जयकारें के साथ अगवानी करते हुए गांव में मंगल प्रवेश कराया। धर्म सभा में भी हजारों लोगो ने श्रृद्धा व उत्साह के साथ भाग लिया। आचार्य सम्राट संतो के साथ शुक्रवार को अपरान्ह यहा से निम्बाहेड़ा के लिये विहार कर गये।
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