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आचार्य सुनील सागरजी के प्रवचनों का लाभ लेते श्रद्धालु

आचार्य सुनील सागरजी से आशीर्वाद लेते हुए जनप्रतिनिधी  विन्यांजली सभा में मोजूद श्रद्धालु 

प्रतापगढ़ - हमको किसी काम में सफलता मिलती है तो उसका श्रेय तो खुद लेते है जब काम में असफल हो जाते है याँ काम पूरा नहीं हो पाता है तो उसके लिए जिम्मेदार दूसरों को ठहरा देते है असफलता का ठीकरा दूसरों के सिर पर फोड देते है लेकिन भगवान महावीर ने कहा है की असफलता के लिए दूसरों को जिम्मेदार मत ठहराओं ये विचार आज जुना मंदिर परिसर  में निर्मित विशाल सन्मति सन्मति समवशरण में हजारों श्रद्धलुओं को संबोधित करते हुए जैन आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने व्यक्त किये इस दौरान मंदसौर जावरा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता एमंदसौर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया एमंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार और शहर के नगर परिषद सभापति कमलेश डोशी सहीत कई जनप्रतिनिधी और समाजसेवी मोजूद  थे।

श्रुत पंचमी पर मंगलवार को आचार्य सुनिल सागरजी महाराज को अपनी चातुर्मास की विनती करने के लिए मंदसौर एउदयपुर एघाटोल एधरियावद एनरवाली एलुहारिया और सलूम्बर से हजारों श्रद्धालु प्रतापगढ़ पहुंचे यहाँ पर आयोजित विनायांजली कार्यक्रम में बोलते हुए सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा की धर्मगुरुओं का मार्गदर्शन हमारे लिए प्रेरणा देने वाला है एसंतो के दर्शन से और उनकी वाणी सुनने से जो ऊर्जा मिलती है उससे समाज और देश को आगे बढाने में हमें काफी सहयोग मिलता है उनहोने आचार्य श्री के चरणों में श्रीफल भेंट करते उनसे मंदसौर में अगला चातुर्मास करने की विनती की इसी तरह विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा की जिनको गुरों का मार्गदर्शन मिलता रहता है उनकी राजनैतिक साँसे चलती राहती है इसलिये राजनीती पर धर्म का अंकुश होना जरूरी है राजनेताओं पर भी धर्मगुरुओं का आशीर्वाद बना रहे उनकी कृपा हम पर बरसाती रहे यही विनती करने के लिए मंदसौर का जनप्रतिनिधी होने के नाते आचार्य संघ को विनती करने के लिए आये है एनगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा की ये हमारा सोभाग्य होगा की आचार्य सुनील सागरजी का अगला चातुर्मास मालवा और मेवाड के संगम स्थल मंदसौर को मिले।

 सन्मति समवशरण में पिछले एक महीने से चल रही ग्रीष्मकालीन प्रवचनमाला का मंगलवार को समापन हो गया इस मौके पर पांडाल में मोजूद हजारों श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए मुनि शुभामसागर ने कहा की जब हम पिक्चर देखने जाते है तो पहले टिकट खरीदना पड़ता है और वहीं टिकट गेट कीपर को देना होता है यदि हम गेट कीपर को टिकट नहीं देते है वो हमें अंदर नहीं जाने देता है इसी प्रकार हमें अपनी आत्मा का कल्याण करना है तो रागद्वेष एमोहमाया का त्याग करना पडेगा एश्रुत पंचमी के इस मौके पर आदिसागरजी  महाराज का 103 वां आचार्य पदारोहण दिवस  भी मनाया गया जिसमे आठ मुनियों और माताजी के केश लोच का कार्यक्रम हुआ जिसमे साधू साध्वियो ने अपने हाथो से अपने सर के बालो का लोचन किया उसके बाद समाज के लोगो की और से शास्त्र भेंट करने की परम्परा पूरी की गयी।
 विनयान्जली कार्यक्रम में मोजूद श्रद्धालुओं के विशाल समूह को सम्बोधित करते हुए आचार्य सुनील सागरजी महाराज ने कहा की हम अपनी नकारात्मक सोच के कारण  पिछडते है  और सकारात्मक सोच के कारण सफल होते है लेकिन जब पिछडते है उसके लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराते है लेकिन असफलता क्यों मिली उस पर विचार नहीं करते है हमने कहाँ पर गलती की उसका चिंतन नहीं करते है एहम यदि अपनी नजर बदलेंगे तो नज़ारे अपने आप बदल जायेगे इसलिए नजर और नजरिये दोनों को बदलो उनहोने कहा की आज बड़ी संख्या में आगामी चातुर्मास की विनती के लिए कई शहरों से लोग आये है लेकिन चातुर्मास कहाँ होगा आनेवाला समय बताएगा इसके लिए सभी पुरुषार्थ करते रहो। 
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