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फिक्की सेफ्टी एक्सेलेंस अवार्ड में लाफार्ज ने प्लेटिनम पुरस्कार जीता

पुरस्कार सोनाडीह सीमेंट प्लांट ने हासिल किया लाफार्ज इंडिया को निर्माण के क्षेत्र में सर्वोत्तम सुरक्षा के लिए पहले फिक्की पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार श्रम एवं रोज़गार मंत्री श्री मल्लिकार्जुन एम खाडगे के हाथों से लाफार्ज इंडिया के सीईओ तथा मैनेजिंग डायरेक्टर श्री उदय खन्ना ने प्राप्त किया.
लाफार्ज इंडिया ने बड़े पैमाने की निर्माण इकाइयों के वर्ग में प्लेटिनम अर्थात पहला पुरस्कार जीता है. इस प्रतियोगिता में लगभग 200 कंपनियों ने भाग लिया था और उन सबको लाफार्ज ने पीछे छोड़ दिया. लाफार्ज इंडिया के सोनाडीह सीमेंट प्लांट में प्रसिद्ध विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित मानदंडों की गहराई से जांच की गई थी. सोनाडीह सीमेंट प्लांट को देखने से इस दल को इस बात का पुख्ता अंदाज़ा हो गया था कि किस प्रकार लाफार्ज इंडिया ने डब्ल्यू ए एच (वर्किंग एट हाइट्स), पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव एक्विपमेंट) के इस्तेमाल, एनर्जी आईसोलेशन, लोटोटो (लॉक आउट, टैग आउट, ट्राई आउट) तथा परिवहन से जुड़े सुरक्षा मानदंडों का पालन करके लगातार अपनी क्षमता और काम को सुधारा है.
स्वास्थ्य और सुरक्षा लाफार्ज इंडिया के लिए सबसे अहम प्राथमिकता रही है. बीते वर्षों में अपने स्टेकहोल्डर्स और कर्मचारियों के बीच सुरक्षा की संस्कृति को विकसित करने के लिए कंपनी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. भारत सहित दुनिया भर में स्थित लाफार्ज के प्लांटों में हर साल जून के महीने को स्वास्थ्य और सुरक्षा माह के रूप में मनाया जाता है और इस दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति लोगों को और जागरुक बनाने और एक दूसरे के अनुभवों और पद्धतियों से सीखने सिखाने की मुहिम विषेश रूप से जारी रहती है. लाफार्ज इंडिया की ऐसी कड़ी नीतियों और प्रक्रियाओं का ही नतीजा है कि वो किसी बड़ी दुर्घटना के बिना लगातार चार लाख बीस हज़ार श्रम घंटों तक काम कर सकी है.
लाफार्ज इंडिया के सीईओ तथा मैनेजिंग डायरेक्टर श्री उदय खन्ना ने कहा, “फिक्की सेफ्टी एक्सेलेंस अवार्ड का प्लेटिनम (पहला) पुरस्कार पाना हमारे लिए बहुत खुशी की बात है. यह बहुत सकारात्मक उपलब्धि है जो यह बताती है कि देश भर के अपने प्लांटों में स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर लाफार्ज इंडिया ने जो उपाय किए हैं उन्हें अब पूरा उद्योग मान्यता दे रहा है. लाफार्ज को अपने स्टेकहोल्डरों की सबसे ज़्यादा चिंता रहती है. हमें पूरी उम्मीद है कि अपने इन उपायों की बदौलत हम ‘शून्य घातक दुर्घटना’ और ‘शून्य कार्यजनित बीमारी’ की दर हासिल कर लेंगे ताकि लाफार्ज का नाम स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामले में दुनिया के बेहतरीन औद्योगिक समूहों में गिना जाने लगे.”
भारत में लाफार्ज का परिचय
लाफार्ज अपने दो खास ब्रांडों -कॉन्क्रीटो और ड्यूरागार्ड के दम पर पूर्वी तथा मध्य भारत में सीमेंट के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है. वर्तमान में भारत में इसके चार सीमेंट प्लांट है : दो छत्तीसगढ़ में और एक ग्राइंडिंग प्लांट झारखंड और पश्चिम बंगाल में. लाफार्ज कई ग्रीनफील्ड परियोजनाएँ शुरु करने की योजना बना रहा है जिससे आने वाले सालों में वह पूरे देश में अपना कारोबार बढ़ा सकेगा.
लाफार्ज, भारत में सीमेंट के अलावा अन्य कारोबार भी कर रहा है. ये कारोबार हैं एग्रीगेट्स और कॉन्क्रीट तथा जिप्सम प्लास्टर बोर्ड. 2008 में एल एंड टी के रेडीमिक्स कॉन्क्रीट कारोबार की खरीद के साथ ही लाफार्ज इस क्षेत्र में बाज़ार मेंपहले नंबर पर आ गया है और देश भर में उसके 80 प्लांट हैं. कंपनी ने राजस्थान में खुशखेड़ा के पास अपना पहला ग्रीनफील्ड जिप्सम प्लास्टरबोर्ड प्लांट भी स्थापित किया है जिसकी क्षमता लगभग 10 मिलियन एम2 है. यहाँ लाजिप ब्रांड के उसके प्लास्टरबोर्ड का उत्पादन किया जाता है जो घरों की फिनिशिंग के लिए पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है और बिल्डिंगों को एलईईडी प्रणाली के तहत "ग्रीन" क्रेडिटेशन दिलवाने में मदद करता है.
लाफार्ज का परिचय
लाफार्ज बिल्डिंग मटीरियल्स बनाने में विश्व की अग्रणी कंपनी है जो अपने सभी कारोबारों - सीमेंट, एग्रीगेट्स और कॉन्क्रीट तथा जिप्सम उत्पादन में पहले नंबर पर है. 78 देशों में कार्यरत अपने 76,000 कर्मचारियों के दम पर लाफार्ज ने 2010 में 16.2 यूरो के माल की बिक्री की. ‘कार्बन डिस्क्लोज़र प्रोजेक्ट’ में लाफार्ज का स्थान विश्व में 6वाँ था. सस्टेनेबल विकास की दिशा में किए गए अपने प्रयासों के फलस्वरूप उसे 2010 में डाओ जोन्स सस्टेनेबिलिटी सूची में शामिल किया गया था. लाफार्ज के पास बिल्डिंग मटीरियल्स के क्षेत्र में रिसर्च की बेहतरीन सुविधाएँ हैं और नए नए प्रयोग करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहती है.
उसका लक्ष्य है सस्टेनेबल निर्माण निर्माण करना और अपने काम में रचनात्मकता लाना.
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