चित्तौड़गढ जिले के निम्बाहेड़ा षहर में मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ पर बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पूरी श्रृद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया वहीं गुरूवार को जन जन के आराध्य लोकदेवता गोगोजी चैहान की जयंति भी धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाई गई। जन्माष्टमी के अवसर ठाकुर श्री कल्लाजी को कृष्ण स्वरूप धारण कराया गया जिसमें मयूर पंख की पिछवाई व स्वर्णाभूषण में
गुरूवार को गोगा जंयति के अवसर पर मन्दिर परिसर में सूसज्जित झांकी के बिच झुले में गोगाजी की छवि स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई वहीं दिन में नगर की माता बहनों द्वारा ठाकुर श्री कल्लाजी और चैहान सरकार के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। ठाकुर जी साक्षात श्री कृष्ण के रूप में दर्षन दे रहे थे। मन्दिर परिसर में यमुना जी के अनुरूप झरने का विहंगम दृष्य के साथ आकर्षक झांकी और ठाकुर जी मनमोहक स्वरूप भक्तों को आकर्षित कर रहा था। सवेरे से मध्य रात्रि तक वेेदपीठ पर दर्षनार्थियों का तांता लगा रहा। ठाकुर जी की संध्या आरती के बाद स्थानीय कलाकारों द्वारा कृष्ण भक्ति से ओत प्रोत भजनों की प्रस्तुतिया दी गई और ज्यों ही मध्य रात्रि के 12 बजे तो वेदपीठ परिसर घंटे घडि़याल के साथ नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल के उद्घोष से वातावरण गंूज उठा और हिण्डोले में विराजित श्री कृष्ण के बालस्वरूप की महाआरती के बाद पंजेरी का प्रसाद वितरीत किया गया।
गुरूवार को गोगा जंयति के अवसर पर मन्दिर परिसर में सूसज्जित झांकी के बिच झुले में गोगाजी की छवि स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई वहीं दिन में नगर की माता बहनों द्वारा ठाकुर श्री कल्लाजी और चैहान सरकार के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। ठाकुर जी साक्षात श्री कृष्ण के रूप में दर्षन दे रहे थे। मन्दिर परिसर में यमुना जी के अनुरूप झरने का विहंगम दृष्य के साथ आकर्षक झांकी और ठाकुर जी मनमोहक स्वरूप भक्तों को आकर्षित कर रहा था। सवेरे से मध्य रात्रि तक वेेदपीठ पर दर्षनार्थियों का तांता लगा रहा। ठाकुर जी की संध्या आरती के बाद स्थानीय कलाकारों द्वारा कृष्ण भक्ति से ओत प्रोत भजनों की प्रस्तुतिया दी गई और ज्यों ही मध्य रात्रि के 12 बजे तो वेदपीठ परिसर घंटे घडि़याल के साथ नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल के उद्घोष से वातावरण गंूज उठा और हिण्डोले में विराजित श्री कृष्ण के बालस्वरूप की महाआरती के बाद पंजेरी का प्रसाद वितरीत किया गया।
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