इस मूल वक्तव्य के बाद उपस्थित श्रोताओं ने भी प्रतिभागिता करते हुए संवाद किया जिनमें राजस्थान विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. रेणु व्यास ने मुक्तिबोध की कुछ कविताओं का पाठ करते हुए कहा कि मुक्तिबोध की सारी कवितायेँ अँधेरे में की ही तरह लगती है क्योंकि वे सदैव उस अँधेरे में ही रहे और उन्होंने उस अँधेरे को तभी वह ठीक से उसे लिख पाए।आकाशवाणी चित्तौड़ के कार्यक्रम अधिकारी लक्ष्मण व्यास ने कहा कि कितनी अचरज वाली बात है कि एक महान कवि का पहला कविता संग्रह उसके मरणासन्न हालात में आता है। साहित्यिक संस्था संभावना के संयोजक डॉ. कनक जैन ने कहा कि ऐसे रचनाकार बहुत कम हुए हैं जिनका जीवन और लेखन एक सा रहा हो ऐसे में निराला और मुक्तिबोध कसौटी पर खरे उतारते हैं इसीलिए हम उन्हें याद कर रहे हैं।गोष्ठी के मुख्य अतिथि अपनी माटी संस्थान के अध्यक्ष और साहित्यकार डॉ.सत्यनारायण व्यास ने कहा कि मुक्तिबोध जैसा सदैव चिन्तनशील और प्रचंड तेज़ वाला दूसरा कवि कभी नहीं पढ़ा।आज़ के सुविधाजनक जीवन जीने वाले रचनाकारों से क्या अपेक्षा करें कि वे शोषित और वंचित की बात ठीक से कह पायेंगे। मुक्तिबोध को पढ़ना अपने आप में बेहद कठिन और हिम्मत का काम है।सच को सच लिखने की ताकत हमें मुक्तिबोध में नज़र आती है। मेरा अनुभव है कि मुक्तिबोध का कथ्य और अज्ञेय का शिल्प बहुत आकर्षक और प्रभावशाली है अगर इन दोनों के समन्वय का सा कवि हो और रचनाएं आये तो बात बने। आपसी चर्चा में शिक्षाविद मुन्ना लाल डाकोत,स्पिक मैके उपाध्यक्ष डॉ. आर.के.दशोरा,अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन को समन्वयक मोहम्मद उमर ने भी भाग लिया।
संगोष्ठी अगले हिस्से में स्पिक मैके की गतिविधियों पर राष्ट्रीय सलाहकार माणिक ने विस्तार से बीते दिनों हुई प्रस्तुतिओं की समीक्षा की और आयोज्य प्रस्तुतियों की योजना प्रस्तुत की।कोषाध्यक्ष भगवती लाल सालवी के निर्देशन में सदस्यता अभियान की प्रगति रिपोर्ट भी सार्वजनिक की गयी।सचिव संयम पुरी और प्रचार समन्वयक मनीष भगत ने कहा कि नौ अक्टूबर की शाम साढ़े पाँच बजे सैनिक स्कूल के शंकर मेनन सभागार में ओडिशा के लोकनृत्य गोटीपुआ का पहला आयोजन होगा। दूसरा दस अक्टूबर सुबह नौ बजे सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल सेंथी,तीसरा दस अक्टूबर को ही दोपहर दो बजे गांधी नगर स्थित मेवाड़ गर्ल्स कॉलेज में होगा।तैयारियां जोरों पर है। संगोष्ठी का संचालन सह सचिव आशा सोनी ने किया वहीं आभार अध्यक्ष डॉ. खुशवंत सिंह कंग ने दिया। संगोष्ठी में उपाध्यक्ष नटवर त्रिपाठी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जे.पी.भटनागर, आकाशवाणी चित्तौड़ की युववाणी कोम्पियर पूरण रंगास्वामी,चंद्रकांता व्यास,ओमानंद छिपा भी उपस्थित थे।
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