उज्जैन। देश की युवा तरूणाई को देश के मान को पुनर्स्थापित करना होगा। रामायणकाल में राम सेतु इंजीनियरिंग का अदभुत उदाहरण है, जो आधुनिक यंत्रों से भी नहीं टूटा है। हमारे यहां के इंजीनियर देश-विदेश में नाम कमा रहे हैं। भारत में 1956 में इंजीनियरिंग का सम्मान करते हुए इंजीनियर विश्वैश्वरैया को भारत रत्न प्रदान किया है। हमारा देश कभी विश्वगुरू था। देशभक्ति और राष्ट्रवाद के सहारे देश को दुनिया का विकसित देश बनाया जा सकता है। जापान और चीन की भांति हम क्यों प्रगति नहीं कर सकते, इस पर युवा इंजीनियरों को अनुसंधान करना चाहिये। हम उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के महत्व को समझते हैं। इस कॉलेज के छात्रों ने देश का मान विदेशों में बढ़ाया है। यह महाविद्यालय शीघ्र ही विश्वविद्यालय बनने जा रहा है। कॉलेज के छात्र केवल डिग्री लेकर न बैठ जायें, उसका सदुपयोग भी करें। यह बात केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत ने आज उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के स्वर्ण जयन्ती महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कही।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि श्री थावरचन्द गेहलोत ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर स्वर्ण जयन्ती महोत्सव का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी, विधायक डॉ.मोहन यादव, जनअभियान परिषद के डॉ.प्रदीप पाण्डेय, श्री इकबालसिंह गांधी, श्री वीरेन्द्र कावड़िया, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.उमेश पेंढारकर, संचालक तकनीकी शिक्षा श्री वीरेन्द्र कुमार सहित गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने इस अवसर पर कहा कि जो युवा इंजीनियर स्वयं का उद्यम लगाकर उद्यमी बनना चाहते हैं, उनके लिये राज्य सरकार ने सहायता के द्वार खोल दिये हैं। बिना गारंटी के 10 लाख से लेकर एक करोड़ तक की राशि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अन्तर्गत राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। श्री जैन ने कार्यक्रम में मौजूद सभी युवाओं का आव्हान किया कि वे उद्यम लगाकर स्वयं को स्थापित करें एवं अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करें।
उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज शीघ्र विश्वविद्यालय में तब्दील होगा
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने इस अवसर पर कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ-साथ जिस नवनिर्माण की कल्पना हमारे प्रधानमंत्री ने की है, उस कल्पना को साकार करने का बीड़ा इस कॉलेज के छात्रों को उठाना चाहिये। उन्होंने कहा कि उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज अतिशीघ्र विश्वविद्यालय में तब्दील होगा। उन्होंने उज्जैन कॉलेज के छात्रों द्वारा देश-विदेश में अपने कार्यों से उज्जैन का नाम रोशन करने के लिये बधाई दी। श्री जोशी ने कहा कि आज बड़ी संख्या में इंजीनियर तैयार हो रहे हैं और हमें ग्रामों की आवश्यकताओं को भी तकनीकी से जोड़ना होगा। उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज को आनन्द मंत्रालय के तहत ‘आनन्द कॉलेज’ बनाने की भी उन्होंने सराहना की। विधायक डॉ.मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि श्रीकृष्ण-सुदामा की शिक्षास्थली उज्जैन का गौरव बढ़ाने का काम मध्य प्रदेश शासन द्वारा विगत सिंहस्थ में किया गया। उन्होंने कॉलेज के छात्रों का आव्हान किया कि वे कोठी पैलेस पर संचालित लाइट एण्ड साउण्ड, त्रिवेणी संग्रहालय एवं डोंगला की वेधशाला का भ्रमण कर यहां के इतिहास से परिचित हों। जनअभियान परिषद के श्री प्रदीप पाण्डेय ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रारम्भ की गई नमामि देवी नर्मदा यात्रा के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर सन्देश दिया
अपनी व्यस्तताओं के कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहने के कारण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दूरभाष पर कॉलेज के छात्रों एवं प्रोफेसरों को सन्देश देते हुए स्वर्ण जयन्ती समारोह पर शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम में पूर्व छात्र श्री अजय पथिक एवं राम कणिकर ने अपने संस्मरण सुनाकर श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.अंजनी कुमार द्विवेदी व प्रो.जगदीश पलसानिया ने किया।
छात्रावास का लोकार्पण
कार्यक्रम के अन्त में केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत एवं अन्य अतिथियों द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज के बालक एवं बालिका छात्रावास का लोकार्पण एवं गोल्डन जुबली टॉवर का शिलान्यास किया।
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