http://4.bp.blogspot.com/-5q2Nk3tjs9Q/VKmAzEK3cyI/AAAAAAAAD_U/L2HsJAmqhFg/s1600/eyetechnews%2BHeaderpngnew1.png

ठाकुर जी के दिव्य दर्शन के साथ कल्याण महाकुंभ सम्पन्न

    निम्बाहेडा मेवाड़ के प्रसिद्व श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ पर आषाढ़ कृष्णा अष्ठमी बुधवार को जन-जन के आराध्य के दिव्य दर्षन के साथ दषम कल्याण महाकुंभ श्रृद्वा और उत्साह  के साथ सम्पन्न हो गया । मंदिर पर अभिजित मुहूर्त में वैदिक विधान व मत्रांेचार के साथ ध्वजारोहण के पश्चात शंखनाद, घंटा घ्वनि,ढ़ोल नगाड़ों और गगन भैदी जयकारो के बीच ठीक 12.32 बजे निज मंदिर के पट खुलने पर अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिये श्रृद्वा का सैलाब उमड़ पड़ा । हर कोइ अपने ठाकुर की अनुपम व मनोहारी छवि निहारने को आतुर था जिन्हे सुनहरी अमेरिकन डायमण्ड़ से चमकती दमकती ठाकुर जी की पोषाक व हीरा जडि़त मुकुट अलग ही आभा बिखेर रहा था । भानपुरा पीठ के शंकराचार्य जगत गुरू दिव्यानन्द जी महाराज व युवाचार्य रामानुज जी ने भी ठाकुर जी की मन भावन छवि के दर्षन कर सर्वत्र सुख समृद्वि की
    कमना की इस पावन अवसर पर मेवाड़ , मालवा , गुजरात सहित देष के अन्य क्षैत्रो से ठाकुर जी के सेवक गादीपति एवं महन्तों ने भी अपने आराध्य के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया । दिव्य दर्षन के लिये वेदपीठ को मोगरा,रजनीगंधा, कलकत्ती, गुलाब, जर्बरा,अषोक लड़ी सहित विभिन्न प्रकार के पुष्पों से सुसज्जित करने के फलस्वरूप समुचा वेदपीठ परिसर फूलों की भीनी भीनी महक से घमक उठा । दिव्य  दर्शन के लिए बेरीकेटिंग की व्यवस्था के कारण भक्तों को काफी सुविधा मिली  साथ ही रंग बिरगंी रोशनी एवं सजावट ने आगन्तुको का मन मोह लिया ।गणेष बनकर की षिव पार्वती की पूजा कथा मण्ड़प में
    वेदपीठ की परम्परा अनुरूप मृत्यंुजय महायज्ञ में यजमान के रूप में भाग लेने वालों के लिए मातृ पितृ पूजन का अनुठा आयोजन उस समय यादगार बन गया जब शंकराचार्य दिव्यानन्द जी महारा एवं रामानुज की साक्षी में अधिकाषं लोगों ने स्वयं को गणेष मानकर षिव पार्वती के रूप में माता पिता एवं वरिष्ठों की मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना कर परिक्रमा करते हुए स्वयं को धन्य किया इस दृष्य को देखकर आचार्य रामानुज जी व शंकराचार्य जी ने मुक्त कठं से प्रषंसा की इस अवसर पर पाण्डित्य परम्परा का निर्वहन
    करने वाले ब्राहम्णों एवं ठाकुर जी के सेवको का वेदपीठ की और से सम्मान किया गया । वही राजस्थान ब्राहम्ण महासभा तहसील ईकाइ की और से वेदपीठ के बटूक नरेश गोड़ को 12 बोर्ड की जिला स्तरीय वरियता सूची मे आने पर तथा बटूक नन्दलाल पारीक के द्वारा खोई हुई मंहगी घड़ी लोटाकर ईमानदारी का परिचय देने पर उन्हे भी वेदपीठ की और से पंरशसा पत्र तथा आचार्य रामानुज जी की और से 500 रूपये के नकद राषि से पुरस्कृत किया गया। पूर्णाहुति के साथ मृत्यंुजय महायज्ञ सम्पन्न  कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष में मार्कण्ड़ेय यज्ञषाला में आयोजित पाॅच दिवसीय 108
    कुण्ड़ीय मृत्युंजय महायज्ञ भी बुधवार प्रातः सभी देवताओं के नाम दी गयी आहुतियों व पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हो गया । इस दौरान यज्ञ मण्ड़प व परिक्रमा में सैकड़ो लोगो ने मोजूद रहकर भगवान रूद्र की कृपा प्राप्ति की कामना की इस दौरान सभी यज्ञ कुण्ड़ो मे श्रीफल की पूर्णाहुति व सामुहिक आरती के दृष्य ने समुचे वातावरण को पारम्परिक यज्ञ व्यवस्था का साक्षी बना दिया । पूर्णाहुति के बाद यज्ञ मण्ड़प से बाहर निकले यजमानों का चरण स्पर्श कर वीर एवं वीरागंना द्वारा भी आषीर्वाद लिया गया ।प्रभू की पूर्णता से जगत परिपूर्ण   भानपुरा पीठ के शंकराचार्य दिव्यानन्द जी महाराज ने कहा कि यह सृष्ठि भगवान के
    अंश से प्रकट हुयी है । जिसकी सत्ता को स्वीकार कर उनकी सगुण उपासना की जा सकती है वे महाकुंभ के सप्तम दिवस षिव महापुराण पर प्रवचन दे रहे थे उन्होने कहा कि कथा कभी अपूर्ण नही होती क्यों कि प्रभू की पूर्णता से जगत परिपूर्ण है । उन्होने कहा कि हमारी पुराण कथाऐं सवंाद रूप मे है जिनके माध्यम से सहज ही उनके मन को समझा जा सकता है । उन्होने कहा कि षिव पुराण मे षिव के सहस्त्र नाम है जिनमे से एक कल्पतरू भी है । जिसका आश्रय स्वयं पार्वती जी ने लेकर संवाद रूप में रामकथा का श्रवण किया । उन्होने वैदिक विष्व विद्यालय परिसर के स्वास्तिक रूप मे निर्माण पर कहा कि इसकी पूर्ण
    सफलता सुनिष्चित है तथा इस विष्व विद्यालय में वैदो पर शोध कर विष्व मे ध्वजा फहराई जा सकती है । युवाचार्य रामानुज जी ने कहा कि स्वयं शंकर द्वारा षिव कथा श्रृवण के बाद हमे प्रेमाश्रुओ से षिवाभिषेक करना चाहिये ताकि साक्षात षिव प्रकट होकर हमे आषीर्वाद दे । उन्होने कहा कि आराध्य की प्रसन्नता के लिये दुख के बजाय सुख में अश्रु बहाना चाहिये । शंकराचार्य जी को वेदपीठ की और से पुष्प वर्षा के बीच पूरे सम्मान के साथ विदाई के क्षणों मे बरबस ही दिव्यानन्द जी महाराज ने कल्याण नगरी को धन्य धरा बताते हुए अगले वर्ष फिर सभी को आषीर्वाद देने एवं विष्व विद्यालय की पूर्णता में योगदान का विष्वास दिलाया । इस मोके पर रामानुज जी ने कहा कि ठाकुर श्री कल्ला जी एवं वेदपीठ के प्रति बढ़ती जन आस्था के फलस्वरूप इस कल्याण महाकंुभ मे देष के कोने कोने से आने वालों में डेढ़ गुनी वृद्वि हुयी है जो
    भविष्य में भी जारी रहेगी ।पवन व सोनाली ने महाकुंभ को कल्याण मय बनााया  महाकंुभ के दौरान मंगलवार रात्रि को अदा इन्टरटेनर से जुड़े प्रख्यात भजन गायक पवन भाटिया व सोनाली पोराणिक ने अपनी सुरीली आवाज व चिरपरिचित शैली में ठाकुर श्री कल्लाजी के मन भावन भजनों के साथ आव्हान गीत , कल्ला चालिसा, कल्ला पच्चिसी , प्रार्थना, आरती , कल्ला गायंत्री मत्र एवं ठाकुर जी के मत्रं को सुना कर समुचे वातारण को कल्याण मय बना दिया । इस दौरान युगल गायको ने गणेष वन्दना हनुमान महादेव , रामापीर, राधा कृष्ण , बम लहरी , राम जानकी ,झुलेलाल से जुड़े भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को तालियों से संगत करने के लिए विवष कर दिया । इन कलाकारों का परिचय वीरागंना ज्योति शर्मा ने कराते हुए बताया कि इन्ही प्रसिद्व गायको द्वारा वेदपीठ की और से तीन विडि़यो सी.डी. तैयार कर महाकुंभ मे लोकार्पित की जा चुकी है ।  जिनका वेदपीठ की ओर से स्वागत अभिनन्दनं किया गया ।आयोजन के सफलता के लिए बधाईया एवं आभार  दशम कल्याण महाकुंभ की भव्य सफलता एव ंअपेक्षा के कई अधिक भागीदारी के बाद कल्याण भक्त एवं ठाकुर जी के सेवकों ने एक दूसरे को बधाई देते हुए इस आयोजन के निरन्तर षिखर की और अग्रसर होने पर प्रसन्नता व्यक्त की वही अपने प्रकार के इस अनुठे आयोजन की सफलता में जिला एवं पुलिस प्रषासन , चिकित्सा एवं स्वास्थ्य , नगर पालिका, पत्रकार जगत, नगर के विभिन्न धार्मिक , सामाजिक एवं स्वयं सेवी संगठनो के साथ साथ वीर एवं वीरागना वाहिनी , कृष्णा शक्तिदल , शक्ति ग्रुप , व्यापारिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों , स्थानीय एवं दूर दराज से आये कल्याण भक्तों के प्रति वेदपीठ की और से आत्मिक आभार प्रकट करते हुए कहा गया कि इस महाकुंभ की उल्लेखनीय सफलता एवं उपलब्धि सभी के सर्मपण भाव व सेवा के फलस्वरूप सम्भव हो पायी है । पीठ की और से विषेश कर भोजन शाला समिति की भी मुक्त कंठ से प्रषंसा की गयी है । जिसके माध्यम से माॅ अन्नपूर्णा ने महाकुंभ के दौरान हजारों लोगो को महाप्रसाद देकर उस परीक्षेत्र को भी यज्ञ स्वरूप बनाने में कोई कोर कसर नही रखी ।

    Share on Google Plus

    About Eye Tech News

    This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
      Blogger Comment
      Facebook Comment