उज्जैन । महाशिवरात्रि पर्व के दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन नंदी हॉल के पीछे बैरिकेट्स से रहेगे। प्रातः 02 पर भस्मार्ती हेतु पट खुलेंगे। प्रातः 7.30 से 08.15 तक दद्योदक आरती एवं 10.30 से 11.15 बजे तक भोग आरती होगी। दोपहर 12 से 01 बजे तक शासकीय तहसील उज्जैन की ओर से अभिषेक-पूजन होगा, जो संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर महोदय द्वारा किया जावेगा। अपरान्हः शासकीय पूजन के पश्चात होलकर एवं सिंधिया परिवार द्वारा वंशपरंपरानुसार अभिषेक पं.श्री घनश्याम पुजारी द्वारा किया जावेगा। साथ ही दोपहर 3 बजे से सायं 05 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के पास कोटेश्वर भगवान का पूजन अभिषेक किया जावेगा। उसके पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं 6 की आरती होगी। रात्रि 08 से 10 बजे तक कोटेश्वर महादेव का पंचामृत पूजन, सप्तधान अर्पण के बाद पुष्प मुकुट श्रृंगार आरती होगी। रात्रि 11 बजे से मंदिर गर्भगृह में श्री महाकालेश्वर भगवान की महापूजा एवं अभिषेक (भस्म धूलन, रूद्राक्ष माला धारण, भू शुद्धी, भूत शुद्धी, अंतर्मात्रिका, बर्हिर्मात्रिका, महान्यास, लघुन्यास, रूद्र पूजन, पंचवत्र पूजन) होगा। श्री महाकालेश्वर बाबा को शिव सहस्त्र नामावली से बिल्वपत्र अर्पित किये जावेंगे। महाकाल को पंचामृत एवं विभिन्न प्रकार के फलों के रस से अभिषेक कराया जावेगा। इसके पश्चात 25 फरवरी प्रातः 04 बजे से भगवान को सप्तधान्य का मुखौटा धारण कराया जावेगा। सप्तधान्य (चावल, मूंग खडा, तिल, मसूर खडा, गेहू, जौं, साल) चढाया जावेगा। बाबा को सवा मन फूलों का पुष्प मुकुट बांधा जावेगा, तथा सोने के कुण्डल, छत्र व मोरपंख, सोने का त्रिपुण्ड से सुसज्जित किया जावेगा। एवं प्रातः 06 बजे सेहरा आरती होगी तथा बाबा महाकाल पर चांदी के बिल्वपत्र व सिक्के न्यौछावर किये जायेंगे।
25 फरवरी को प्रातः 11 बजे से दिन की भस्मार्ती समाप्त होने तक मंदिर में प्रवेश बंद रहेगा। 25 फरवरी को साल में एक बार होने वाली भस्मार्ती दोपहर 12 बजे होगी। प्रतिवर्षानुसार 12 बजे होने वाली भस्मार्ती में केवल अनुमति पत्र धारी दर्शनार्थियों को ही प्रवेश दिया जावेगा। इसके पश्चात प्रातः 10.30 बजे वाली भोग आरती 12 बजे वाली भस्मार्ती के पश्चात दोपहर 02 बजे होगी। इसके पश्चात सायं आरती एवं रात्रि आरती के पश्चात रात्रि 11 बजे पट मंगल होगे। इस दौरान 44 घण्टे सतत पट खुले रहेंगें। दिनांक 25 फरवरी को दिन में होने वाली भस्मार्ती हेतु अनुमति 24 फरवरी को पद्मभूषण पं.सूर्यनारायण व्यास धर्मशाला (हरसिद्धि) में होगी।
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