चित्तौड़गढ़ 30 सितम्बर 2015 स्पिक मैके चित्तौड़गढ़ द्वारा आयोजित की जा रही विरासत श्रृंखला में अब पश्चिमी बंगाल के लोक नृत्य पुरुलिया छाऊ नृत्य के कार्यक्रम बुधवार के दिन छाए रहे।सुबह साढ़े नौ बजे आदित्यपुरम स्थित आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल के लिए पहला आयोजन प्राचार्य आर.के.नायक के निर्देशन में उत्सव क्लब में हुआ।दूसरा आयोजन गांधी नगर स्थित मेवाड़ गर्ल्स कॉलेज में हुआ। दोनों ही आयोजन में तारापद रजक और उनके सोलह
साथियों ने शानदार तरीके से महिषासुर मर्दन शीर्षक अपनी प्रस्तुति से रोमांचित कर दिया।बंगाली संस्कृति से सराबोर संगीत और फिर मुखौटेदार चेहरों को नाचते देख दसों बार तालियाँ बजी। हमारी भारतीय संस्कृति के पौराणिक आख्यान को साकार करने में पश्चिमी बंगाल के इन कलाकारों ने शिव, पार्वती, लक्ष्मी, शेर, बैल, राक्षस, कार्तिकेय, गणेश, महिषासुर, ब्रह्मा के रोल किये। आयोजन की शरुआत में ही शहनाई, धूमसा, ढोलक और मजीरे की सुरीली रागिनिया हमें प्रस्तुति के देसी अंदाज़ से सीधे जोड़ देती है।प्रस्तुत में शेर की दहाड़ और मोर पर विराजित कार्तिकेय का भाव प्रदर्शन आश्चर्यजनक लगा।
साथियों ने शानदार तरीके से महिषासुर मर्दन शीर्षक अपनी प्रस्तुति से रोमांचित कर दिया।बंगाली संस्कृति से सराबोर संगीत और फिर मुखौटेदार चेहरों को नाचते देख दसों बार तालियाँ बजी। हमारी भारतीय संस्कृति के पौराणिक आख्यान को साकार करने में पश्चिमी बंगाल के इन कलाकारों ने शिव, पार्वती, लक्ष्मी, शेर, बैल, राक्षस, कार्तिकेय, गणेश, महिषासुर, ब्रह्मा के रोल किये। आयोजन की शरुआत में ही शहनाई, धूमसा, ढोलक और मजीरे की सुरीली रागिनिया हमें प्रस्तुति के देसी अंदाज़ से सीधे जोड़ देती है।प्रस्तुत में शेर की दहाड़ और मोर पर विराजित कार्तिकेय का भाव प्रदर्शन आश्चर्यजनक लगा।

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