उदयपुर २ नवम्बर, २०११ वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा व चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने आज भारत सरकार के माननीय खानमंत्री श्री दिनेश जे। पटेल को १८७.१९ करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश का चैक प्रदान किया। अभी हाल ही में कम्पनी के निदेशक मण्डल ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए ७५ प्रतिशत अंतरिम लाभांश घोषित किया है जो २ रुपये के प्रति इक्विटी शेयर पर १.५० रु. है। कंपनी के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। अंतरित लाभांद्गा का चैक हिन्दुस्तान जिंक के मुखय प्रचालन अधिकारी श्री अखिलेशजोद्गाशी ने माननीय खानमंत्री को आज नई दिल्ली में प्रदान किये। इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक के मुखय वित्तीय अधिकारी श्री एस.एल. बजाज भी उपस्थित थे ।
हिन्दुस्तान जिंक ने वर्ष २०११-१२ के लिए १८७.१९ करोड रु. का अंतरिम लाभांश भारत सरकार को दिया है जो गत चार वर्षों की तुलना में चार गुना अधिक है जबकि कंपनी २००८-०९ में ४९.९२ करोड रु., २००९-१० में ७४.८८ करोड रु. तथा २०१०-११ में १२४.७९ करोड रु. का अंतरिम लाभांश दिया था।
हिन्दुस्तान जिंक ने वर्ष २००२ में विनिवेश के पश्चात राजस्थान में तीन बडी विस्तार परियोजनाओं के लिए १२००० करोड रु। का निवेश कर सफलतापूर्वक उत्पादन क्षमता में पांच गुना वृद्वि की है। चन्देरिया एवं दरीबा में स्मेल्टिंग कॉम्पलेक्स, रामपरुा आगुचा एवं सिन्देसर खुर्द में खदानों का विस्तार और चन्देरिया, जावर व दरीबा में निजी बिजली संयंत्रो की स्थापना तथा राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडू और महाराष्ट्र राज्यों में पवन ऊर्जा उत्पादन की स्थापना शामिल है।
आज हिन्दुस्तान जिंक विव का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है तथा रामपुरा-आगुचा खदान दुनिया की सबसे बडी जस्ता उत्पादक खदानों में से एक है। विद्गव का एकमात्र सबसे बडा स्मेल्टिंग कॉम्पलेक्स चन्देरिया में स्थित तथा सिन्देसर खुर्द खदान में पर्याप्त मात्रा में चांदी की उपलब्धता है।
हिन्दुस्तान जिंक की अयस्क की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता ९.७५ एम.टी.पी.ए. है तथा जस्ता-सीसा धातु की वार्षिक उत्पादन क्षमता क्रमद्गाः ८७९,००० टी.पी.ए. व १८५,००० टी.पी.ए. है। कंपनी के कुल संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार ३१३ मिलियन टन है तथा हमारे सुदृढ आरक्षित अयस्क भण्डार एवं संसाधनों से हमारी कुल खनन अवधि २५ वर्ष से अधिक है। कंपनी की प्रगति एवं विकास के लिये समन्वेषण (एक्सप्लोरेद्गान) के जरिये हमारे आरक्षित खनिज भण्डार एवं खनिज संसाधनों का विस्तार करना हमारी रणनीति है।
ज्ञातव्य रहे कि हिन्दुस्तान जिंक के सभी संयंत्र, खदानें तथा स्मेल्टर्स वर्ल्ड क्लास है तथा वैशिवक पर्यावरण फ्रेन्डली तकनीकी व 'जीरो डीस्चार्ज' प्रणाली पर कार्यरत है। वर्तमान में कंपनी का भारत के जस्ता बाजार पर ८५ प्रतिद्गात नियंत्रण है ।
हिन्दुस्तान जिंक भारत का सबसे बडा चांदी उत्पादक है। कंपनी का २००२ में ४७,००० किलोग्राम चांदी उत्पादन करता था जो आज बढ कर १७९,००० किलोग्राम हो गया है । कंपनी वर्तमान में उत्तराखंण्ड राज्य के पंतनगर में सिल्वर रिफाईनरी की सफलतापूर्वक स्थापना की ओर अग्रसर है तथा सिंदेसर खुर्द खदान तथा खानों व प्रशवकों की उपलब्धता में पर्याप्त सुधार किया जा रहा है तथा इन विस्तार परियाजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन से चाँदी उत्पादन में लगभग तीन गुना वृद्धि हो जाएगी। कंपनी प्रतिवर्ष ५०० टन चाँदी उत्पादन करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है तथा लक्ष्य को प्राप्त करते ही हम दुनिया में सबसे बडे चाँदी उत्पादक बन जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान जिंक के सभी प्लांट कैप्टिव पॉवर प्लान्ट से संचालित है तथा वर्तमान ४७४ मेगावाट उत्पादन क्षमता है। पवन ऊर्जा को बढावा देने के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने पवन ऊर्जा फार्मों का विस्तार किया है। यह फार्म राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडू और महाराष्ट्र राज्यों में जिससे कंपनी की वार्षिक पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ कर २७५ मेगावाट हो गयी है।
हिन्दुस्तान जिंक सामाजिक कल्याण के उत्थान के लिए भी सदैव कटिबद्ध रहा है तथा इकाईयों के आस-पास के गांवों में समृद्धि, सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए सराहनीय प्रयास कर रहा है। कंपनी १५०० आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से ५०,००० बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहा है व २१५ स्वयं सहायता समूह का गठन कर ३७०० महिलाओं में सशक्तिकरण ला रहा है तथा भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा आई.एल. एण्ड एफ.एस. द्वारा लगभग ८००० ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रद्गिाक्षण दिया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, कृषि एवं संमपोषणीय आजीविका तथा मॉडल विलेज विकास से राजस्थन में ग्रामीण लोगों के जीवनयापन में बदलाव आ रहा है ।
भारत सरकार व राजस्थान सरकार के सहयोग से अनेक ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के अन्तर्गत हिन्दुस्तान जिंक द्वारा राजस्थान के १८० गांवों के लगभग ५००,००० से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हिन्दुस्स्तान जिंक सामुदायिक विकास एवं प्रयासों के लिए कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठत पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है ।
पवन कौशिक
हिन्दुस्तान जिंक ने वर्ष २००२ में विनिवेश के पश्चात राजस्थान में तीन बडी विस्तार परियोजनाओं के लिए १२००० करोड रु। का निवेश कर सफलतापूर्वक उत्पादन क्षमता में पांच गुना वृद्वि की है। चन्देरिया एवं दरीबा में स्मेल्टिंग कॉम्पलेक्स, रामपरुा आगुचा एवं सिन्देसर खुर्द में खदानों का विस्तार और चन्देरिया, जावर व दरीबा में निजी बिजली संयंत्रो की स्थापना तथा राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडू और महाराष्ट्र राज्यों में पवन ऊर्जा उत्पादन की स्थापना शामिल है।
आज हिन्दुस्तान जिंक विव का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है तथा रामपुरा-आगुचा खदान दुनिया की सबसे बडी जस्ता उत्पादक खदानों में से एक है। विद्गव का एकमात्र सबसे बडा स्मेल्टिंग कॉम्पलेक्स चन्देरिया में स्थित तथा सिन्देसर खुर्द खदान में पर्याप्त मात्रा में चांदी की उपलब्धता है।
हिन्दुस्तान जिंक की अयस्क की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता ९.७५ एम.टी.पी.ए. है तथा जस्ता-सीसा धातु की वार्षिक उत्पादन क्षमता क्रमद्गाः ८७९,००० टी.पी.ए. व १८५,००० टी.पी.ए. है। कंपनी के कुल संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार ३१३ मिलियन टन है तथा हमारे सुदृढ आरक्षित अयस्क भण्डार एवं संसाधनों से हमारी कुल खनन अवधि २५ वर्ष से अधिक है। कंपनी की प्रगति एवं विकास के लिये समन्वेषण (एक्सप्लोरेद्गान) के जरिये हमारे आरक्षित खनिज भण्डार एवं खनिज संसाधनों का विस्तार करना हमारी रणनीति है।
ज्ञातव्य रहे कि हिन्दुस्तान जिंक के सभी संयंत्र, खदानें तथा स्मेल्टर्स वर्ल्ड क्लास है तथा वैशिवक पर्यावरण फ्रेन्डली तकनीकी व 'जीरो डीस्चार्ज' प्रणाली पर कार्यरत है। वर्तमान में कंपनी का भारत के जस्ता बाजार पर ८५ प्रतिद्गात नियंत्रण है ।
हिन्दुस्तान जिंक भारत का सबसे बडा चांदी उत्पादक है। कंपनी का २००२ में ४७,००० किलोग्राम चांदी उत्पादन करता था जो आज बढ कर १७९,००० किलोग्राम हो गया है । कंपनी वर्तमान में उत्तराखंण्ड राज्य के पंतनगर में सिल्वर रिफाईनरी की सफलतापूर्वक स्थापना की ओर अग्रसर है तथा सिंदेसर खुर्द खदान तथा खानों व प्रशवकों की उपलब्धता में पर्याप्त सुधार किया जा रहा है तथा इन विस्तार परियाजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन से चाँदी उत्पादन में लगभग तीन गुना वृद्धि हो जाएगी। कंपनी प्रतिवर्ष ५०० टन चाँदी उत्पादन करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है तथा लक्ष्य को प्राप्त करते ही हम दुनिया में सबसे बडे चाँदी उत्पादक बन जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान जिंक के सभी प्लांट कैप्टिव पॉवर प्लान्ट से संचालित है तथा वर्तमान ४७४ मेगावाट उत्पादन क्षमता है। पवन ऊर्जा को बढावा देने के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने पवन ऊर्जा फार्मों का विस्तार किया है। यह फार्म राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडू और महाराष्ट्र राज्यों में जिससे कंपनी की वार्षिक पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ कर २७५ मेगावाट हो गयी है।
हिन्दुस्तान जिंक सामाजिक कल्याण के उत्थान के लिए भी सदैव कटिबद्ध रहा है तथा इकाईयों के आस-पास के गांवों में समृद्धि, सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए सराहनीय प्रयास कर रहा है। कंपनी १५०० आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से ५०,००० बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहा है व २१५ स्वयं सहायता समूह का गठन कर ३७०० महिलाओं में सशक्तिकरण ला रहा है तथा भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा आई.एल. एण्ड एफ.एस. द्वारा लगभग ८००० ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रद्गिाक्षण दिया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, कृषि एवं संमपोषणीय आजीविका तथा मॉडल विलेज विकास से राजस्थन में ग्रामीण लोगों के जीवनयापन में बदलाव आ रहा है ।
भारत सरकार व राजस्थान सरकार के सहयोग से अनेक ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के अन्तर्गत हिन्दुस्तान जिंक द्वारा राजस्थान के १८० गांवों के लगभग ५००,००० से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हिन्दुस्स्तान जिंक सामुदायिक विकास एवं प्रयासों के लिए कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठत पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है ।
पवन कौशिक
Blogger Comment
Facebook Comment