नवीन पटेल :-
किसी एक व्यक्त्वि में विरासत में मिले संस्कारों का निर्वहन, व्यावसायिक प्रबंधन और कला-प्रेम जैसे अद्भुत तालमेल की कल्पना करनी हो तो उसका यथार्थ स्वरूप श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ही हो सकते हैं। चाहे वह दुनिया की सबसे प्राचीन राजवंश परंपरा का पालन हो, सामाजिक जिम्मदारियों का निर्वहन हो, व्यावहारिक व व्यापारिक जवाबदारियां हो, इन सब अपरिहार्य व्यस्तताओं के बीच कला प्रेम, सब कुछ उम्दा टाइम मैनेजमेंट के जरिये और पूरी शिद्दत के साथ। ये सब खासियतें किसी उम्रदराज अनुभवी व्यक्ति के लिये नहीं बल्कि उस व्यक्तित्व में मौजूद हैं, जिसने अपनी युवावस्था में कदम मात्र रखा है। एक मिलनसार, सदैव दोस्ताना, अपनत्व भरी आकर्षक मुस्कान और सबका मददगार हाथ, शायद इसीलिये भारतीय राजवंश की परंपराओं में मेवाड़ राजवंश को सबसे समृद्धशाली एवं गौरवशाली राजवंश माना गया है।
उदयपुर के श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़़ और श्रीमती विजया कुमारी मेवाड़ की सबसे छोटी संतान श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ की सबसे बड़ी खासियत है मिलते ही प्रिय बन जाना। उनकी बड़ी बहनें भार्गवी कुमारी मेवाड़ और पद्मजा कुमारी मेवाड़ भी लाड़-दुलार के साथ उनकी युवावस्था में ही जबरदस्त परिपक्वता का सम्मान करती हैं।
ब्ल्यू माउन्टेन होटल स्कूल, आस्ट्रेलिया से ’’बेचेलर आॅफ कॉमर्स इन हॉस्पीटेलिटी मैनेजमेंट’’ में स्नातक होकर 2007 में उदयपुर लौटे और वहां प्राप्त की उम्दा शिक्षा का उपयोग कर होटल व्यवसाय में उच्च स्तरीय आतिथ्य को लेकर नवीनतम आयाम स्थापित किये। इसके लिये उन्होंने उच्च स्तरीय पर्यटन को बढ़ावा देने वाली होटल उद्योग के जाने-माने विशेषज्ञों का साथ लेने से भी गुरेज नहीं किया। आस्ट्रेलिया एवं सिंगापुर में होटल मैनेजमेंट की शिक्षा ने एच.आर.एच. ग्रुप के सभी संस्थानों में रणनीतिक व व्यावहारिक बदलाव का जबरदस्त आत्मबल दिया। अपने सभी कार्यों के लिये निर्धारित टीम को साथ लेकर चलने वाले श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने विश्व प्रसिद्ध जग मंदिर पैलेस को आतिथ्य सत्कार के स्तर पर विश्वस्तरीय बनाने की मंशा से कई निर्णायक बदलाव किये। चाहे वह आॅल डे कैफे हो, पिछोली बार हो या दरीखाना रेस्त्रां, सभी में श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ और उनकी टीम के शानदार दृष्टिकोण की चैतरफा झलक नजर आएगी, यहां तक कि माणक चैक स्थित पालकी खाना रेस्त्रां नामक यूरोपियान शैली का कैफे विदेशी मेहमानों के लिये खास आकर्षण का केन्द्र तो है ही, साथ ही प्रसिद्धि के मानकों पर यूरोप और आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध रेस्त्रांओं की गिनती में भी शुमार किया जाता है। यही नहीं, मेवाड़ की पुरातन परंपराओं और संपदा को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने की कवायद के चलते समय-समय पर विदेशों के महत्वपूर्ण स्थानों पर प्रदर्शनी का आयोजन भी करते हैं। वर्तमान में जर्मनी के म्युनिख में इसका प्रदर्शन चल रहा है।
बात अगर श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के कला प्रेम की करें तो मेयो कॉलेज अजमेर के अपने स्कूली दिनों में ही उन्होंने आर्ट और फोटोग्राफी में कई सम्मान प्राप्त किये। यहां तक कि उन्हीं स्कूली दिनों में उनकी रचित कलाकृतियां अजमेर और नई दिल्ली में प्रदर्शित की गईं। जिक्र बागवानी का हो या शिव निवास पैलेस और शंभू निवास पैलेस के एक्वेरियम का श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ का बेहतरीन दृष्टिकोण और उसको व्यवहार में लाने की कला हर देखने वाले पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है।
सामाजिक सरोकारों में गर्मजोशी से उपस्थिति, मौका चाहे पारंपरिक आयोजन या समारोह का हो, ईद या क्रिसमस का हो, या फिर उर्दू भाषा पर कार्यक्रम बज्मे अदब ’’उर्दू जबान की मुस्तकबिल’’ हो, उपस्थिति औपचारिक मात्र न होकर पूर्णतः व्यावहारिक होती है। चित्तौड़गढ़ में 8 नवम्बर 2009 को श्री संजय व श्रीमती दीपश्री माथुर द्वारा कला मंत्र - रिद्म आॅफ आर्ट के नाम से स्थापित आर्ट गैलेरी का उद्घाटन करते हुए कहे शब्द ’’यह गैलेरी चित्तौड़गढ़ के लिये मिल का पत्थर साबित होगी’’ माथुर दम्पत्ति को शायद ताजिन्दगी याद रहेंगे। साथ ही इतनी खुबसूरत किन्तु जटिलता से अर्जित की गई कला संपदा को संजोये रखने का आत्मबल भी देते रहेंगे। यहीं पर श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने कला विशारद श्री राजगोपाल जोशी को श्री सज्जन राम माथुर अवार्ड से सम्मानित किया।
उदयपुर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ का क्रिकेट प्रेम भी जग जाहिर है। मौका विनु मांकड ट्रॉफी का हो या युनिटी कप ट्रॉफी का, क्रिकेट के हर छोटे-बड़े आयोजन में खिलाड़ियों से मिलकर उनका उत्साह बढ़ाना जैसा सहज व्यवहार ही उन्हें हर दिल अजीज बनाता है और क्रिकेट के इसी अनन्य प्रेम की बदौलत ही वह राजस्थान क्रिकेट संघ के आजीवन विशेष आमंत्रित सदस्य चुने गये। यहां यह उल्लेखनीय है कि इतनी कम उम्र में यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ एकमात्र व्यक्ति हैं।
सामाजिक सरोकारों में गर्मजोशी से उपस्थिति, मौका चाहे पारंपरिक आयोजन या समारोह का हो, ईद या क्रिसमस का हो, या फिर उर्दू भाषा पर कार्यक्रम बज्मे अदब ’’उर्दू जबान की मुस्तकबिल’’ हो, उपस्थिति औपचारिक मात्र न होकर पूर्णतः व्यावहारिक होती है। चित्तौड़गढ़ में 8 नवम्बर 2009 को श्री संजय व श्रीमती दीपश्री माथुर द्वारा कला मंत्र - रिद्म आॅफ आर्ट के नाम से स्थापित आर्ट गैलेरी का उद्घाटन करते हुए कहे शब्द ’’यह गैलेरी चित्तौड़गढ़ के लिये मिल का पत्थर साबित होगी’’ माथुर दम्पत्ति को शायद ताजिन्दगी याद रहेंगे। साथ ही इतनी खुबसूरत किन्तु जटिलता से अर्जित की गई कला संपदा को संजोये रखने का आत्मबल भी देते रहेंगे। यहीं पर श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने कला विशारद श्री राजगोपाल जोशी को श्री सज्जन राम माथुर अवार्ड से सम्मानित किया।
उदयपुर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ का क्रिकेट प्रेम भी जग जाहिर है। मौका विनु मांकड ट्रॉफी का हो या युनिटी कप ट्रॉफी का, क्रिकेट के हर छोटे-बड़े आयोजन में खिलाड़ियों से मिलकर उनका उत्साह बढ़ाना जैसा सहज व्यवहार ही उन्हें हर दिल अजीज बनाता है और क्रिकेट के इसी अनन्य प्रेम की बदौलत ही वह राजस्थान क्रिकेट संघ के आजीवन विशेष आमंत्रित सदस्य चुने गये। यहां यह उल्लेखनीय है कि इतनी कम उम्र में यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ एकमात्र व्यक्ति हैं।
सबको याद ही होगा कि उदयपुर को विश्व के सबसे सुंदर शहर होने का सम्मान मिला है और यकीन कीजिये इसे अक्षुण्ण बनाये रखने में श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ का दृष्टिकोण एवं योगदान अपरिहार्य होगा। द टाइम्स आॅफ इंडिया, द इकोनॉमिक टाइम्स, एनडीटीवी एवं बीबीसी जैसे जाने-माने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया का समय-समय पर श्री लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ की कार्यशैली को कवर करना और उसे सराहना इस तथ्य को स्थापित करता है।
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