यज्ञ में भीलवाडा के संत खदेश्वरी महाराज के सानिध्य में कलश यात्रा से यज्ञ की शुरूआत हुई। यहा पर 558 हवन कुंड़ों में पूजन के साथ ही आहुतिया दि जायेगी। अष्वमेघ, राजसूर्य, लक्ष चंड़ी, इन्द्र, देवनारायण, रूद्र, तथा नवग्रह महायज्ञो के लिए अलग-अलग आचार्य नियुक्त किये गये है। अश्वमेघ यज्ञ के लिए सफेद घोड़ा भी लाया गया है। रात्रि में वृंदावन के रसिक बिहारी महाराज द्वारा भागवत कथा सुनाई जावेगी ।
This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
Blogger Comment
Facebook Comment