होरी खेलो तो कल्लाजी वेद पीठ आवोजी
निम्बाहेड़ा मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेद पीठ पर शुक्रवार को आयोजित फागोत्सव के पर्व
पर हजारों कल्याण भक्तों ने अपने अराध्य के साथ फाग खेल कर ऐसा मनोहारी दृष्य उपस्थित किया मानो यंहा भक्त और भगवान के एकाकार स्वरूप के सभी को अनुपम दर्षन हो रहे हो। इस मौके पर फागुन के रसिया की तर्ज पर भजनों की स्वलहरियों में श्रद्धालु अपनी सुध बुध तक खो बैठे।
वेद पीठ के प्रवक्ता ने बताया कि होली के दूसरे दिन प्रातः 9 बजे से भक्तों का जमावड़ा शुरू होने के साथ ही लोककलाकारों द्वारा कल्ला जी के मनभावन भजनों की स्वरलहरियों से वेद पीठ परिसर गुंजायमान होने लगा। ठाकुर जी का पलाष के फूलों से परंपरागत श्रंगार के दर्षन के साथ ही संतरंगी अबीर गुलाल कई तरह की पिचकारियां,
रंग बिरंगे गुब्बारे तथा फूलों की महक से आनन्दित करने वाले माहौल के बीच गायक कलाकारों ने गणपति वंदना के साथ ‘‘होलिया में उडे रे गुलाल कल्लाजी थारा मंदिर में, आज बिरज में होरी रे रसिया, कल्लाजी के मंदिर में मची रे होरी‘‘ भजनों के साथ ही सभी भक्त सुर ताल मिलाकर तालियों की संगत के साथ अपने अराध्य को होली खेलने का आमत्रंण दे रहे थे। इसी दौरान राजभोग की झांकी के दर्षन के साथ ही भक्तों ने मार्मिक आमंत्रण के रूप में होली खेलो तो कल्लाजी वेद पीठ आवोजी भजन प्रारंभ हुआ उस के साथ ही ठाकुर जी की और से भक्तों पर रंग बिरंगी अबीर गुलाल, पलाष के फूलोें के रंग, केसर तथा कसुमल रंग की पिचकारियों से जब रंग बरसने लगा तो समुचे परिसर का माहौल ही इंद्रधनुषी हो गया। कल्लाजी के जयकारों के बीच पारम्परिक वाध्ययंत्रों और मालवी ढोल की थाप पर भक्तगण नृत्य कर अपने अराध्य को रिझाने में कोई कोरकसर नहीं रख रहे थे। गुलाब, गंेदा और मोगरा की पाखुडियों और इत्र की फुहार से वेद पीठ महक उठी और हर कोई अपने अराध्य के साथ होली खेलकर स्वंय को धन्य होने की अनुभुति करने लगा। लगभग चार घण्टे से अधिक चले फागोत्सव में देष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों तथा कल्याण नगरी से आये हजारांे भक्तों ने ठाकुर जी के साथ होली खेलने का आनन्द उठाया। हर कोई एक दूसरे को गुलाल अबीर लगा कर जय श्री कल्याण के अभिवादन के साथ होली की बधाईयां दे रहे थे। वेद पीठ की ओर से सभी को महाप्रसाद का वितरण किया गया।
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