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महिलाएं स्वरोजगार से स्वावलम्बी बनें -डा. मलिक

बस्सी काष्टकला को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाएं
चितौड़गढ़- जिला कलेक्टर डा. आरूषी ए. मलिक ने महिलाओं का आव्हान किया कि वे अपनी रूची के अनुरूप गतिविधियों का स्वरोजगार हेतु गहनता से प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलम्बी बन कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में सहयोग करें। जिला कलेक्टर डा. मलिक मंगलवार को बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान में स्वरोजगार हेतु उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के 69वे बेच के समापन एवं 73वे बेच के शुभारम्भ समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रही थी। उन्होने कहा कि यहां के 69वे बैच में ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी प्रतिभागी महिलाएं इस गतिविधि पारंगत हुई हैं, उन्हैं ब्यूटी पार्लर के स्वरोजगार से जुड़ कर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करना चाहिए तथा इसके लिये वे स्वयं सहायता समूहों का गठन कर अपने स्तर पर भी ब्यूटी पार्लर के कार्य को संचालित कर इस प्रशिक्षण का समुचित लाभ उठाएं। जिला कलेक्टर ने इस संस्थान द्वारा बस्सी की काष्टकला को पुनर्जीवित करने हेतुु पारम्परिक समुदाय के साथ साथ भिन्न अन्य प्रतिभागियों हेतु शुरू किये गये बस्सी काष्टकला प्रशिक्षण की सराहना की। उन्होने प्रतिभागी महिलाओं को स्वयं सहायता समूह गठित कर अपना स्वयं का स्वरोजगार प्रारंभ कर आत्मनिर्भर बनने की सलाह देते हुए कहा कि वे बस्सी की इस पुरातन काष्टकला को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भरसक प्रयास करेंगी । उन्होने कहा कि बस्सी के काष्टकला उद्यमियों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का उन्हैं लाभप्रद मूल्य मिल सके इस हेतु बस्सी और चितौड़गढ़ के मध्य सामुदायिक सुविधा केन्द्र की स्थापना कर उन्हैं विपणन की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इस सामुदायिक सुविधा केन्द्र के निर्माण हेतु भूमि का चिन्हीकरण कर लिया गया है। उन्होने कहा कि बस्सी के काष्टकला उद्यमियों द्वारा बनाये गये उत्पादों के विपणन हेतु बस्सी में क्रेता विक्रेता सम्मेलन का आयोजन भी शीध्रता से किया जाएगा। डा. मलिक ने कहा कि जिले की प्राचीन आकोला हेण्डप्रिन्ट के उद्यमियों द्वारा तैयार किये गये वस्त्रा उत्पादों को नवीन डिजाइन एवं रंगों के अनुरूप तैयार कराने हेतु उन्हैं विशेषज्ञ फेसन डिजाइनरों द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया है ताकि आकोला के उद्यमियों द्वारा तैयार किये गये हेण्डप्रिन्ट के उत्पाद वर्तमान समय की मांग के अनुरूप देश एवं विदेशों विक्रय किये जाने से उन्हैं अधिक आर्थिक लाभ मिल सकेगा। उन्होने कहा कि आकोला के उद्यमियों के उत्पादों के विपणन हेतु हाल ही में यहां क्रेता विक्रेता सम्मेलन किया गया है जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे है। जिला कलेक्टर ने प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को प्रमाण पत्रा भी प्रदान किये। समारोह में बी.एस.वी.एस. के निदेशक एन.के. सनाढ्य ने बताया कि 69वे बैच में 26 महिला प्रतिभागियों को ब्यूटी पार्लर प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है तथा 73वां बैच बस्सी की प्रसिद्व काष्टकला से सम्बन्धित प्रशिक्षण की शुरूआत की गई है। उन्होने बताया कि संस्थान द्वारा जून 2010 तक 2304 प्रशिक्षार्थियों को विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया है जिसमें से 1723 महिला एवं पुरूष प्रशिक्षणार्थी रोजगार एवं स्वरोजगार से जुड़ चुके है। उन्होने बताया कि वर्तमान में संस्थान द्वारा सिलाई कला के दो प्रशिक्षण आकोला में भी चलाये जा रहे है। उन्होने बताया कि संस्थान द्वारा 25 विभिन्न गतिविधियों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें सिलाई, शोफ्ट टोयज, कम्यूटर हार्डवेयर, एम्बोडरी आदि मुख्य है। समारोह में जिला उद्योग केन्द्र के महा प्रबंधक टी.एस. मारवाह, बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक हरीश पालीवाल, लीड बैंक प्रबंधक डी.पी. बैरवा, सहायक लीड बैंक प्रबंधक रवीन्द्र सहित प्रतिभागी महिलाएं आदि उपस्थित थे।
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