कोई हमे गुमराह न कर सके
इतना हममे विवके हो।
कोई हम पर दबाव न डाल सके
इतना हममे आत्मबल हो।
हम अपनी कृति को प्रमाणिक बना सके
इतना हममे आत्मविश्वास हो।
हम अन्याय के विरूद्ध लड सके
इतना हममे विवके हो।
कोई हम पर दबाव न डाल सके
इतना हममे आत्मबल हो।
हम अपनी कृति को प्रमाणिक बना सके
इतना हममे आत्मविश्वास हो।
हम अन्याय के विरूद्ध लड सके
इतना हममे शौर्य हो।
हम अपने आदर्शमय पथ पर अड़िग होकर समुन्नते
ऐसी हमारी साधना हो।
पलायन नही संघर्ष, बुज्जदिल्ली नही साहस,
अकर्मण्यता नही शोर्य,यह सम्पूर्ण मनुष्य की गौरवपूर्ण परिभाषा है।
हमे हमेशा अपने माता-पिताजी ओर गुरू का आदर एवं सम्मान करना चाहिए
हमेशा उन्हे नमन (प्रणाम) करना चाहिए।
सुश्री सुनीता शर्मा
हम अपने आदर्शमय पथ पर अड़िग होकर समुन्नते
ऐसी हमारी साधना हो।
पलायन नही संघर्ष, बुज्जदिल्ली नही साहस,
अकर्मण्यता नही शोर्य,यह सम्पूर्ण मनुष्य की गौरवपूर्ण परिभाषा है।
हमे हमेशा अपने माता-पिताजी ओर गुरू का आदर एवं सम्मान करना चाहिए
हमेशा उन्हे नमन (प्रणाम) करना चाहिए।
सुश्री सुनीता शर्मा
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