नवीं ग्रनेडियर्स (मेवाड़) ने अपना 707 वां स्थापना
दिवस26 अगस्त 2010 को पठानकोट में मनाया
भारतीय सेना की सबसे पुरानी बटालियन नवीं ग्रनेडियर्स (मेवाड़) ने अपना 707 वां स्थापना दिवस पठानकोट में मनाया। यह बटालियन 734 ए. ड़ी. में मेवाड़ सेना के रूप में खड़ी हुई थी जो की स्वतंत्रता के बाद नवीं ग्रनेडियर्स मेवाड़ के नाम से भारतीय सेना में विलय हुर्ई। उस समय से लेकर आज तक इस बटालियन का मेवाड़ राजघराने से अच्छा सम्बंध बना हुआ है। रानी पद्धमनी का जौहर अगस्त 1303 में हुआ था इसी की प्रेरणा स्त्रोत यह बटालियन हर वर्ष 26 अगस्त को अपना स्थापना दिवस मनाती है। यह बटालियन अभी भी मेवाड़ के रीतिरिवाजो को मानती है तथा युद्ध के समय इसका युद्धघोष भी ‘महाराणा प्रताप की जय‘ है। अभी हाल ही में बटालियन ने अपना 707 वां चित्तौड़ दिवस मनाया। इस अवसर पर महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया तथा इस बटालियन के सेवानिवृत आॅफिसर्स, जवान भी शामिल हुए तथा महाराज कुमार ने वहां पधारकर मेवाड़ के सम्मान में आयोजित सैनिक सम्मेलन को सम्बोधित किया तथा महाराणा प्रताप के बहादुरी के कारनामों को बताकर जवानों के मनोबल को उंचा किया।हर वर्ष की तरह इस साल भी महाराज कुमार ने जवानो के कल्याण के लिए कमान अधिकारी महोदय को राशि भेंट की। इसी दौरान महाराज कुमार 51 ब्रिगेड के कमाण्डर साहब से भी मिले तथा उन्हे यादगार के तौर पर मेवाड़ की ओर से सप्रेम भेंट अर्पित की।
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