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महाकाल मंदिर की दान पेटियों से निकलने वाली राशि की गणना अब नव निर्मित पारदर्शी गणना केन्द्र से होगी

ऊर्जा मंत्री श्री जैन द्वारा दान पेटी गणना केन्द्र का शुभारंभ
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में दान राशियों की नव निर्मित दान पेटी गणना केन्द्र का शुभारंभ 4 जनवरी की शाम के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन के द्वरा किया गया। इस अवसर पर विधायक डॉ. मोहन यादव एवं कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे उपस्थित थे। शुभारंभ अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री जैन ने कहा कि महाकाल का प्रसाद जैसा प्रसाद कही ओैर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि, उज्जैन स्मार्ट सिटी में शमिल हो गया है, इसलिए उज्जैन शहर के साथ-साथ महाकाल मंदिर एवं मंदिर के मुख्य द्वार के सामने सुन्दरता की दृष्टि से आने वाले समय में कार्य किया जायेगा। आपने गणना केन्द्र के निर्माण करने वाली एजेन्सी बैंक ऑफ इंडिया को धन्यवाद दिया। मंत्री श्री जैन ने कलेक्टर की प्रशंसा करते हुए कहा कि, कम समय में अच्छा कार्य कर रहे है। साथ ही मंदिर की व्यवस्थाओें में लगे समस्त सेवकों के कार्यो की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
शुभारंभ अवसर पर विधायक डॉ. मोहन यादव ने महाकाल मंदिर की प्रतिष्ठा एवं पवित्रता बनी रहे इसमे प्रशासन प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। उन्होने सुझाव दिया कि, भस्मार्ती की फिल्म निर्माण करवाकर उज्जैन शहर के होटलों को उपलब्ध कराई जावे ताकि होटलों में ठहरने वाले दर्शनार्थियें को टी.वी. के माध्यम से फिल्म दिखाई जा सके। साथ ही सुझाव दिया कि महाराजवाडा स्कूल को अन्यत्र शिफ्ट कर उसे हेरीटेज स्थल के रूप में उपयोग किया जा सके। क्षिप्रा नदी का जल पाईप लाईन के माध्यम से रूद्रसागर में छोडा जाये। इसी तरह शहर के प्रमुख सडक मार्ग जहॉ बाहर के यात्री उज्जैन में प्रवेश करते है, उन मार्गो पर प्रवेश द्वार बनवाये जायें। महाकाल मंदिर के कोष से शहर के जीर्णशीर्ण मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया जाये।

कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने इस अवसर पर कहा कि, मंदिर की विश्वसनीयता एवं परदर्शिता बनी रहे इसके लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। इसी कडी में भक्तों के द्वारा दानपेटियों में डाली जाने वाली दान राशि की गणना में पारदर्शिता बनी रहे इसलिए दानपेटी गणना केन्द्र का निर्माण कम समय में बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा करवाया गया है। राशि की गणना के दौरान रोटेशन के अनुसार मंदिर कर्मचारी, पुजारी/पुरोहितों, अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण करवाया जायेगा। साथ ही गणना को आम श्रद्धालु भी अब देख सकेंगे। महाकाल मंदिर के द्वारा धार्मिक, सांस्कृतिक, खेल आदि के कार्यक्रम भी समय-समय पर करवाये जायेंगे। आने वाले समय में जो भी बेहतर काम मंदिर में और मंदिर के द्वारा होंगे वह किये जायेंगे। गणना केन्द्र में गणना ना होने की दशा में इसका उपयोग दिव्यांगों, वृद्धजनां के अल्प विश्राम के लिए विचार किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि, महाकाल मंदिर की जमीन अन्यत्र जिले में और अन्यत्र जिले के मंदिर की जमीन उज्जैन में है एैसी जमीन को खोज कर अदला-बदली करने का भी कार्य आने वाले समय में करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होने कहा कि, मंदिर में केशलेस डोनेशन अधिक से अधिक हो इसका भी बढावा दिया जा रहा है। देश -विदेश से आने वाले भक्त उज्जैन एवं महाकाल मंदिर की अच्छी यादें ले जायें इस प्रकार का हमारा प्रयास सदा रहेगा।
अतिथियों के द्वारा कार्यक्रम के प्रारंभ में दान पेटी गणना केन्द्र का फीता काटकर शुभारंभ किया और भगवान महाकाल के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के अंत में गणना केन्द्र का अवलोकन किया और केन्द्र की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन श्री सुरेन्द्र सर्किट ने किया और अंत में आभार मंदिर प्रशासक श्री अवधेश शर्मा ने प्रकट किया और उनके द्वारा महाकाल के उपर कविता का पाठ किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का प्रशासक श्री अवधेश शर्मा, बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक प्रबंधक श्री अशोक पाठक, उप आंचलिक प्रबंधक श्री विद्युत कुण्डू, महाकाल शाखा के प्रबंधक श्री आर.एस. चौहान, सहायक प्रशासक सुश्री प्रीति चौहान, श्री सतीश व्यास, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री दीलिप गरूड, श्री एस.पी. दीक्षित, पुजारी प्रदीप गुरू, एल.डी.एम. श्री तिवारी आदि ने पुष्प हारों से स्वागत किया। गणना केन्द्र के नव निर्माण में विशेष सहयोग सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री दिलीप गरूड का रहा। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी, पुरोहित एवं कर्मचारी आदि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए उज्जैन आते है। श्रद्धलुओं के द्वारा मंदिर परिसर में लगी 71 दान पेटियों में अपनी श्रद्धा से दान राशि डालते है। दान पेटियों में से निकलने वाली राशि की गणना समय-समय पर महाकाल मंदिर के कर्मचारी एवं बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा पारदर्शिता के साथ गणना की जाती है। गत दिवस गणना स्थल केबिन पारदर्शिता का हो इस हेतु कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने प्रशासक को निर्देश दिये थे। निर्देश के परिपालन में और बेहतर तरीके से राशि की गणना की पारदर्शी को बनाये रखने के लिए बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा महाकाल मंदिर परिसर में स्थित श्री लक्ष्मी नृसिंह मंदिर बरामदे में 18 ग 25 फिट में नव निर्मित कांच का पारदर्शी दान पेटी गणना केन्द्र बनाया गया है।
गणना केन्द्र की लागत लगभग 4 लाख रूपये है। राशि का व्यय बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक प्रबंधक श्री अशोक पाठक के द्वारा बैंक की ओर से की गई है। यह जानकारी बेंक ऑफ इंडिया महाकाल शाखा के प्रबंधक श्री आर.एस. चौहान ने दी और कहा कि दान पेटी गणना केन्द्र में 1 रूम अलग से गणना करने वाले कर्मचारियों के वस्त्र बदलने के लिए भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि, गणना केन्द्र में अतिशीघ्र राशि की गणना के लिए टेबल कुर्सी लगाई जायेगी। जिससे राशि की गणना में सुविधा रहेगी। गणना केन्द्र के बाहर कांच की दीवार पर बारह ज्योतिर्लिंगां के चित्र 4 ग 4 के लगाये गये है जो आकर्षण के साथ-साथ श्रद्धा का केन्द्र भी बन गया है। केन्द्र पूर्णतः वातानुकूलित रहेगा। समय -समय पर बैंक ऑफ इंडिया द्वारा महाकाल मंदिर में मदद करते आ रहे है।
श्री चौहान ने बताया कि, पहले भी महाकाल मंदिर में बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निर्देशक श्रीमती अय्यर द्वारा 10 लाख रूपये की दान राशि भेंट की गई थी। इसी तरह बैंक द्वारा महाकाल मंदिर के समस्त कर्मचारियों एवं वेदिक शोध संस्थान के बटुकों के परिचय पत्र बनवाने में लगभग 30 हजार से अधिक की राशि का व्यय किया गया।

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