उज्जैन । मकर संक्रान्ति, लोहिड़ी, ओणम जैसे त्यौहार एक ही दिन, एक ही जगह मानों जीवन्त हो उठे। दशहरा मैदान पर पतंग आनन्दोत्सव के दौरान विभिन्न पारम्परिक वेशभूषाओं में लोगों ने शिरकत कर आनन्द को दोगुना किया। मकर संक्रान्ति के अवसर पर दशहरा मैदान में पतंग आनन्दोत्सव मनाया गया। प्रात: 9.30 बजे अतिथि उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष श्री दिवाकर नातू, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने दीप प्रज्वलन कर पतंग आनन्दोत्सव की शुरूआत की। इसके बाद मौजूद लोगों को शहर को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाई गई।
पतंग आनन्दोत्सव के दौरान ठण्ड के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ दशहरा मैदान आये और यहां पर उन्होंने पतंग उड़ाने, खिचड़ा, तिल के लड्डू खाने और गिल्ली-डंडा खेलने का लुत्फ लिया। मेट पर क्रिकेट भी खेली। दशहरा मैदान पर मनोविकास विशेष के बच्चे जहां एक ओर अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दे रहे थे, वहीं प्रतिभा संगीत अकादमी की बच्चियां शास्त्रीय नृत्य कर लोगों का मन मोह रही थीं। दूसरी ओर सुर म्युजिक क्लब के कलाकार फिल्मी गीत गाकर लोगों का मन मोह रहे थे। इसी के साथ समर्थ सेवा संस्थान ने मेट पर क्रिकेट का मजा लोगों को दिया। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से एनआईसी द्वारा कैशलेस कैसे हों, यह दर्शाया गया। अग्रसर संस्था द्वारा नेत्रदान महादान की जानकारी लोगों को दी गई। शासकीय कला पथक दल मालवा के लोकनृत्य कानग्वाला एवं लोकगीतों का प्रस्तुतिकरण कर लोगों को आकर्षित कर रहा था। इन सबके बीच खुशियों की दीवार बनाई गई थी, जहां लोग अपने पुराने वस्त्रों एवं सामग्री को जरूरतमन्दों के लिये छोड़कर जा रहे थे। कुल मिलाकर मकर संक्रान्ति के अवसर पर सांस्कृतिक समागम लोगों के लिये आकर्षण का केन्द्र बन गया था। आकाश में रंग-बिरंगी पतंगें एक अदभुत समा बांध रही थी। लोग स्वयं को भूलकर आनन्द के इन क्षणों को महसूस कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित किया
पतंग आनन्दोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के आनन्दोत्सव कार्यक्रम से सीधे प्रदेश के सभी जिलों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम स्थलों पर एलईडी टीवी के माध्यम से इस सम्बोधन का प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने उज्जैन के साथ-साथ जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल के लोगों से रूबरू बातचीत भी की। उज्जैन से समर्थ सेवा संस्थान की श्रीमती सरोज अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से बात की तथा बताया कि आनन्दोत्सव का नियमित आयोजन किया जाये और लोगों के जीवन में खुशियां लाई जाये। मुख्यमंत्री ने प्रत्युत्तर में कहा कि न केवल वर्ष में एक बार, बल्कि हर दिन लोगों के जीवन में आनन्द हो, उनकी यही कामना है।
सच्चा आनन्द दूसरों की मदद करने से मिलता है -मुख्यमंत्री श्री चौहान
आनन्दोत्सव कार्यक्रम का प्रदेश में एक साथ शुभारंभ करते हुए श्री चौहान ने भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कहा कि सच्चा आनंद दूसरों की मदद करने से मिलता है। नागरिको में प्रसन्न्ता का प्रतिशत बढ़ाने के लिये आनंदम कार्यक्रम जैसी पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोंण लाने के उद्देश्य से आनंद सभाओं का आयोजन किया जायेगा। विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रखते हुये उन्हें जीवन जीने की कला भी सिखायी जायेगी। जीवन को आनंदमय और अर्थपूर्ण बनाने से संबंधित पाठ को शालेय पाठ्यक्रमों में शामिल किया जायेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण लाना है ताकि वे जरूरतमंदो की सेवा और सहायता के लिये वैचारिक रूप से तैयार रहे। स्कूलों में भी आनंद सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से आनंदक के रूप में स्वयं का पंजीयन करवाये। उन्हें प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जायेगा और वे आनंद के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि www.anandsansthanmp.in पर जाकर हर नागरिक आनंदक बन सकता है, जो दूसरों को खुशी देने की इच्छा रखताहै। इसमें अशासकीय संगठन, शासकीय कर्मचारी, सांस्कृतिक, व्यापारिक संस्थाएँ भाग ले सकते है।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों को मकर संक्रांति पर्व की बधाई देते हुए कहा कि आनंदम कार्यक्रम प्रदेश सरकार की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि केवल धन और संसाधन से आनंद नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि आनंद के बिना दीर्घायु और दीर्घजीवन किसी काम का नहीं है। उन्होंने कहा कि आनंद देने वाली गतिविधियों की शुरुआत के साथ विकास की गतिविधियाँ निरंतर चलती रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने आनंदम की अवधारणा समझाते हुए कहा कि खुशी के लिए धन, संसाधन और पद-प्रतिष्ठा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि दान के बिना अन्न जहर के समान होता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे ऐसी उपयोगी वस्तुओं को जरूरतमंदो को दे जो उनके पास आवश्यकता से ज्यादा है जैसे कपड़े, कंबल, किताबें, बर्तन, फर्नीचर या अन्य सामग्री। उन्होंने माताओं बहनों से भी आग्रह किया कि वे इस पहल को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से
जिला मुख्यालयों में शुरूआत हुई है। इसे क्रमश: शहरों, पंचायत स्तर पर ले जाया जायेगा। श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि आनंदम कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्वैच्छिक कार्यक्रम है। यह आनंद की वर्षा करने वाला प्रकल्प है। उन्होंने समाज के सभी सक्षम वर्गों से अपील की कि वे इसमें आगे आकर भाग लें। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दशहरा मैदान उज्जैन पर सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय, उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष श्री दिवाकर नातू, श्री इकबालसिंह गांधी, श्री विशाल राजोरिया, पार्षद श्री राधेश्याम वर्मा, श्रीमती दुर्गा चौधरी, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रूचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त श्री आशीष सिंह सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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