
उल्लेखनीय है कि शहर के लगभग 19 शासकीय व अशासकीय विद्यालयों की कक्षा 9वी से 12वी के बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद विद्यार्थियों द्वारा स्वामी विवेकानन्द के कोई ऐसे एक बोधवाक्य, जिसने उन्हें प्रभावित किया हो, उस पर लेख प्रस्तुत किया गया। विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानन्द के प्रसिद्ध बोधवाक्य जैसे- “उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रूको”, “मनुष्य प्रकृति पर विजय प्राप्त करने के लिये उत्पन्न हुआ है, उसका अनुसरण करने के लिये नहीं”, “मन का विकास करो और उसका संयम करो, उसके बाद जहां इच्छा हो वहां इसका प्रयोग करो”, “वीरता से आगे बढ़ो, एक दिन में या एक साल में सिद्धि की आशा न रखो”, “उच्चतम आदर्श पर दृढ़ रहो”, “तुम अपनी अन्तरआत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ” पर लेख प्रस्तुत किया। प्रस्तुतिकरण के लिये विद्यार्थियों के लिये चार मिनिट का समय निर्धारित किया गया था। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में श्री विवेक चौरसिया, श्री वरूण शर्मा व अमिता जैन उपस्थित थे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये।
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