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ZRUCC की बैठक में रखे रेलवे विकास के प्रस्ताव


चित्तौड़गढ़/ 32वीं क्षैत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्षदात्री समिति (ZRUCC) की तीसरी बैठक मुम्बई सेन्ट्रल के रेलवे कुंज में आयोजित हुयी। जिसकी अध्यक्षता पष्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक जी.सी. अग्रवाल ने की। बैठक के संचालन की कार्यवाही ZRUCC के सचिव एवं डीप्टी जी.एम. मुकेश कुमार ने की।
उक्त बैठक में ZRUCC के सदस्य एड़वोकेट प्रदीप काबरा ने चित्तौडगढ़ संसदीय क्षेत्र के साथ ही जोनल में रेलवे की प्रमुख समस्याओं को विस्तार से रखते हुये समस्याआें के त्वरित निराकरण की मांग की।
संसदीय क्षेत्र में जिन प्रमुख समस्याओं एवं मांगो को लेकर त्वरित निस्तारण हेतु जो प्रयास किये जा रहे है उसी क्रम में  संसदीय क्षेत्र चित्तौडगढ़ में रेलवे के विस्तार एवं विकास हेतु प्रमुख कार्यो को शीघ्र पूर्ण करवाने एवं नई ट्रेनो का संचालन एवं ठहराव हेतु सांसद सी.पी. जोशी का मांग पत्र ZRUCC के सदस्य एड़वोकेट प्रदीप काबरा ने पष्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक जी.सी. अग्रवाल को सौपा।
संसदीय क्षेत्र चित्तौडगढ़ में रेलवे के विकास एवं प्रगति व विस्तार हेतु निम्न मांगो का मांग पत्र पष्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक जी.सी. अग्रवाल को सौपा।
 1. संसदीय क्षैत्र चित्तौड़गढ़ में रेल्वे के विकास एंव उन्नयन हेतु प्रमुख कार्य :-
चित्तौड़गढ़ नगर की आधी से अधिक आबादी रेलवे स्टेषन के पूर्व दिषा की ओर निवास करती है। उनको वर्तमान प्रवेश द्वार से रेलवे स्टेषन आने के लिये RUB व RUB पार करके आने पड़ता है जिससे अधिक दूरी तय एवं अधिक धन खर्च करना पड़ता है। जनता को हो रही इस असुविधा को देखते हुये पूर्व दिशा की ओर प्लेटफार्म संख्या 5 पर एक नया प्रवेष द्वार एवं टिकिट खिड़की बनाने की सख्त आवष्यकता है।जिससे जन सामान्य को बहुत लाभ होगा, अभी भी सैंकड़ों यात्री रेलवे स्टेषन आने के बाद पूर्वी दिश की ओर पैदल ही निकलते है। यदि पूर्वी दिषा की ओर प्रवेष द्वार एवं टिकिट खिड़की होगी तो आवागमन के साधन भी बढ़ने के साथ-साथ शहरवासियों को हो रही असुविधा का पूर्ण निराकरण हो सकेंगा।
. चित्तौड़गढ़ जंक्षन जो कि IRSDC द्वारा वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की सूची में सम्मिलित होने के साथ ही ए-श्रेणी स्टेषन है। यात्री सुविधाओं की दृष्टि से  लिफ्ट, एस्केलेटर निर्माण, वाई-फाई सुविधा, बैंक ए.टी.एम. तुरंत लगवाया जाये।
चित्तौड़गढ़ जंक्षन पर वर्तमान में प्लेटफार्म संख्या 1 पर जो वेंटिग रूम उपलब्ध है उसमें  विकल्प नहीं होने से इनमें स्लीपर श्रेणी व उच्च श्रेणी के यात्री एक साथ रूकते है। किन्तु यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण उन्हें काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसलिये स्लिपर श्रेणी व उच्च श्रेणी हेतु अलग-अलग वेंटिग रूम का निर्माण कराया जाये।
चितौड़गढ शहर के मध्य मे रेलवे द्वारा ROB का निर्माण कर बरसो पुरानी षहर की एक मात्र रेलवे फाटक को हमेषा के लिए बन्द कर दिया। शहर के पष्चिमी और पुर्वी भाग मे आने जाने के लिए एक मात्र ROB  और एक छोटा RUB है। जो आवागमन की दृष्टि से असुविधाजनक एवं अपर्याप्त है। पैदल यात्री, हाथ ठैला ट्राईसाइकल यात्री के साथ ही शवयात्रा हेतु रेलवे लाइन क्रास करके इस पार से उस पार जाने हेतु किसी प्रकार की कोई समुचित आवागमन हेतु मार्ग नही है। अत चित्तौड़गढ़ के कुम्भानगर क्षैत्र में बी.एस.एन.एल. के कार्यालय के समीप रेल्वे लेवल क्रोसिंग षीघ्रता से प्रदान कराया जावें। अथवा पहले के कुम्भानगर रेलवे क्रासिंग की जगह (जो कि ROB  बन जाने के कारण बंद कर दिया गया है) एक अतिरिक्त विस्तृत एवं बडा RUB का निर्माण इस प्रकार किया जाये कि कुम्भानगर की तरफ से आरम्भ होकर नगर परिषद की ओर समाप्त हो।
चित्तौड़गढ़ स्टेषन पर प्लेटफार्म संख्या 1 से 5 तक जाने व आने के लिए गेट संख्या - 2 के पास एक मात्र ओवरब्रिज है जो कि चित्तौड़गढ़ में मुख्य गेट संख्या 1 से काफी दूर पडता है गेट संख्या 1 के करीब वर्तमान में एक अतिरिक्त ओवर ब्रिज बना है जो कि सिर्फ रेलवे कॉलोनी में जाने व आने के लिए इस्तेमाल किया जाता है अतः उक्त ओवर ब्रिज को भी इस प्रकार से व्यवस्थित किया जाये की सभी प्लेटफॉर्मो पर उससे जुडाव होकर रेलवे कॉलोनी में आने व जाने वाले व्यक्तियों के अतिरिक्त यात्रियों को भी इसका लाभ प्राप्त हो सके ताकि गेट संख्या एक के करीब यात्रियों को अतिरिक्त ओवर ब्रिज की सुविधा प्राप्त हो सके इसी ओवरब्रिज के साथ ही एस्कलेटर की सुविधा भी जोड़ी जाये।
चित्तौड़गढ़ राजस्थान में मार्बल उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मार्बल उद्योग से संबंधित यहाँ छोटी-बड़ी 1,000 ईकाईयाँ स्थापित है। जिनसे प्रतिदिन हजारों टन मार्बल का आयात-निर्यात होता है। इस कारण चंदेरया में कंटेनर डिपों स्थापित किया जाता है तो रेलवे की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ क्षेत्र का चहुमुंखी औद्योगिक विकास भी होगा। 
रेलवे ने छोटे बडे सारे रेलवे क्रॉसिंग बंद करके उनके स्थान पर छोटे छोटे त्न्ठ का निर्माण किया है। इसी क्रम में चित्तौडगढ़ से उदयपुर रेलमार्ग पर धनेतकलां, धनेतकलां खुर्द, पावटिया, पाण्डोली, मिश्रो की पिपली आदि त्न्ठ में बरसाती पानी की निकासी की सुविधा नही होने से आज भी इन त्न्ठ में पानी भरा हुआ है। जिस वजह से गांव वालो को घर से कुआें व खेत पर जाने के लिये अधिक कष्ठ उठाकर 5-7 किमी. अतिरिक्त चलना पड़ रहा है। अतः इस पानी की निकासी का समुचित प्रावधान किया जाये।
चित्तौड़गढ़ स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 1 पर रतलाम की ओर स्टेशन प्रबंधक कार्यालय से आगे शेड नहीं है साथ ही लाईट की उचित व्यवस्था नहीं होने से अंधेरा रहता है। जबकि इस ओर प्लेटफार्म के आखिरी छोर तक रेलवे के कई महत्वपूर्ण कार्यालय है एवं त्च्थ् थाना स्थित है। अतः प्लेटफार्म 1 पर दक्षिण दिशा की ओर अंतिम छोर तक शेड बनाकर उचित लाईट एवं सभी यात्री सुविधायें प्रदान की जाये। 
. चित्तौड़गढ़ स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 3 एवं 5 पर गाड़ियों के कोच गायडेंस बोर्ड नहीं है जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अतः शीघ्रता से कोच गायडेंस बोर्ड लगाये जाये एवं शेड का विस्तार सम्पूर्ण प्लेटफार्म तक किया जाये।
. चित्तौडगढ़ रेलवे स्टेषन पर लाइनो की कमी है इसकी वजह से गाडीयो का संचालन आउटडोर पर खडी रहने से गाडी चन्देरियॉ में खडी रखनी पडती है। रेलवे स्टेशन पर आवान परिवर्तन के वक्त 9 लाइनो की पटरिया थी लेकिन किसी कारण वष 2 लाइनो को हटा दी गई जिससे करोडो का नुकसान हुआ। यह लाइन अगर नही हटाई जाती तो चित्तौडगढ रेलवे स्टेशन पर गाडियो के खडी रहने में सुलभ सुविधा होती जिससे गाडीयो को आउटडोर पर एवं अन्य स्टेषन पर खडी नही करनी पडती। अतः दोनो लाइनो पुनः लगवाई जाए।
चित्तौड़गढ़ स्टेषन के गेट संख्या 2 (मीरा द्वार) पर स्थित बुकिंग कार्यालय का संचालन रात्री कालीन समय में नहीं हो रहा है जिससे अमानती सामान घर (क्लॉक रूम) में सामान रखने वाले यात्रियों को असुविधा हो रही है इसलिये इस बुकिंग कार्यलय को भी 24 घंटे चालु रखा जाये।
चंदेरिया स्टेशन कि बिल्डिंग को पश्चिम के बजाय पूर्व दिशा में बनाकर स्टेशन का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा के ओर बनाया जाये ताकी चित्तौड़गढ़ नगरीय क्षेत्र की लगभग 80 आबादी को इसका लाभ प्राप्त हो सके। रेलवे प्रशासन की मंशानुसार चंदेरिया स्टेशन पर सुविधाएं बढाकर इसे पूर्ण रूप से विकसित किया जाये ताकि सभी यात्री गाडियों का ठहराव सुनिश्चित हो सके एवं चन्देरिया स्टेशन के तीनों प्लेटफार्मों पर सम्पूर्ण शेड बनाकर खान-पान इकाई प्रदान की जावें एवं अन्य आवष्यक सभी यात्री सुविधाए उपलब्ध कराई जावें। इस स्टेषन पर तुरंत प्रभाव से पब्लिक अनाउसिंग सिस्टम चालु किया जाये।
. पिछले बजट में स्वीकृत पष्चिम रेलवे चंदेरिया रेलवे स्टेषन के निकटLC No.86  पर स्वीकृत ROB का निर्माण चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 76 के निकट स्थित रेलवे माल गोदाम पर वाहनों के आने जाने वाले मार्ग से उठाकर विपरित दिशा में FCI के गोदाम के पास उतारते हुये निर्माण शीघ्रता से आरम्भ किया जाये। बड़ीसादड़ी से छोटीसादड़ी होते हुये नीमच तक रेल मार्ग के निर्माण किया जाये जिससे इस क्षैत्र के आदिवासी बाहुल्य लोगों को भी रेल परिवहन का लाभ मिल पायेगा साथ ही इस रेलमार्ग के निर्माण से 6-7 विधानसभा एवं 3 लोकसभा क्षैत्र के लोग लाभान्वित होगे। यह रेलमार्ग व्यावसायिक एवं सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा एवं नीमच से वाया मारवाड़ होकर जोधपुर तक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा जो कि सामरिक दृष्टिकोण से पाकिस्तान सीमा तक सेना भेजने में भी सहायक सिद्ध होगा।
नीमच से कोटा वाया सिंगोली स्वीकृत परियोजना में बेंगू को सम्मिलत करते हुये रेल मार्ग का निर्माण किया जाये।
कपासन से निम्बाहेड़ा वाया भादसोड़ा-श्रीसॉवलियाजी होकर रेल मार्ग का निर्माण किया जाये जिससे मेवाड़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्रीसॉवलियाजी एवं शनिमहाराज मंदिर तक पहुंचने के लिये भारत वर्ष के पर्यटकों के लिये सबसे उपयुक्त परिवहन मार्ग रेलवे के माध्यम से उपलब्ध हो सकेंगा।
प्रतापगढ़ से बाँसवाड़ा तक रेल मार्ग का निर्माण किया जाये। सरकार द्वारा पिछले रेल बजट में मंदसौर से प्रतापगढ़ तक रेल मार्ग हेतु सर्वे कार्य स्वीकृत किया गया है।
रतलाम में निर्मित Q ट्रेक (क्रांस ऑवर) आरम्भ होने पर समस्त यात्री गाडियों का संचालन पूर्ववत चित्तौड़गढ़ जंक्षन से इंदौर और महू के लिये किया जाये।
. चित्तौड़गढ जंक्शन-भदेसर-आवरीमाता-श्रीसॉवलियाजी-मंगलवाड़ - बड़ीसादड़ी- धरियावद-प्रतापगढ़-घाटोल-बाँसवाड़ा-दाहोद-बलसाड़-मुम्बई के मध्य नई रेल लाईन का निर्माण किया जाये जिससे मुम्बई से दिल्ली के मध्य नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो सके एवं दक्षिण राजस्थान एवं गुजरात के आदिवासी बाहुल्य एवं पिछडे़ हुये क्षेत्र का विकास हो सके।
चित्तौड़-नीमच-चित्तौड़ -56 कि.मी.रेल लाईन के दोहरीकरण के स्वीकृत कार्य को समय सीमा में पूर्ण कराया जाये। अतःइस मार्ग की महत्ता के कारण उक्त कार्य को षीघ्रता से पूर्ण कराया जाये।
नीमच से रतलाम मार्ग दोहरीकरण :- नीमच से रतलाम तक रेलमार्ग पर भी लाईन की दोहरीकरण की आवष्यकता है। इस रूट के दोहरीकरण हो जाने से अभी चल रही रेल व्यवस्था एवं सेवाओं में बहुत इफाजा होगा जिससे क्षैत्र में व्यापारिक एवं पारस्परिक संबंधों में ओैर तेजी आ सकेगी जिसका लाभ क्षैत्र की जनता के साथ-साथ भारतीय रेल को भी मिलेगा।
उदयपुर-चित्तौड़गढ़-उज्जैन सर्किट का विकास :- भारतीय रेल द्वारा चित्तौड़गढ़-उज्जैन सर्किट का विकास किसे जाने से क्षैत्र में पर्यटन, वन्यजीव, अभ्यारण्य एवं ऐतिहासिक धरोहरों के एवं औद्योगिक क्षेत्र मार्बल का निर्यात देश-विदेश में काफी मात्रा में इसका निर्यात होता है। विकास एवं प्रचार प्रसार में बहुत बड़ी सफलता हाथ लगेगी साथ ही क्षैत्र में जनता को रोजगार मिलने की संभावनाओं का भी विकास होगा तथा इस सर्किट के से भारतीय रेल को भी अच्छी आमदनी होगी।
इस मार्ग की महत्ता के कारण उक्त कार्य को शीघ्रता से पूर्ण कराया जाये। 
चन्देरिया-नीमच खण्ड में औद्योगिक पट्टी होने के कारण माल यातायात हेतु तीसरी लाईन विषेष कर माल संचालन हेतु बनाई जाये ताकि माल संचालन में षीघ्रता प्राप्त होने से क्षैत्र का औंधोगिक विकास तेजी से हो साथ ही रेल्वे को भी सुविधा प्रदान हो।
रतलाम-इंदौर वाया फतिहाबाद रेल खण्ड में आमान परिवर्तन होने के पष्चात् रतलाम स्टेशन पर उक्त रेल खण्ड से चित्तौड़गढ़ रतलाम रेल खण्ड को सीधे तौर पर नहीं जोड़ने के कारण इस मार्ग पर सीधी यात्री गाड़ी का संचालन नहीं हो पा रहा है इसलिये प्रस्तावित धौसवास-रतलाम के मध्य रेलवे क्रास ऑवर (जो कि पुरानी मीटर गेज लाईन के लिये बना था) का निर्माण षिघ्रता से पूर्ण कराकर चित्तौड़गढ़ से इंदौर के मध्य सीधी यात्री गाड़ी का संचालन शिघ्र किया जाये।
निम्बाहेडा स्टेशन के दक्षिण में स्थित रेल्वे क्रोसिंग पर स्वीकृत बडे अण्डर पास को शीघ्रता से बनाया जावें। साथ ही चित्तौड़गढ़-रतलाम ,खण्ड पर स्थित एल.सी. नं0 242 पर भी शीघ्रता से अण्डरपास बनाया जावें।
निम्बाहेड़ा रेलवे स्टेशन के वी.आई.पी. प्रतिक्षालय का रिनोवेशन किये जाने के साथ यहाँ के प्लेटफार्म पर शेड निर्माण कार्य के साथ-साथ समस्त यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाये।
शम्भुपुरा स्टेशन पर समस्त यात्री सुविधाओें का विस्तार किया जाये।
   2. संसदीय क्षैत्र चित्तौड़गढ़ में नई गाडीयों का संचालन एंव एक्सटेंशन हेतु
चित्तौड़गढ़ जंक्षन से महू के मध्य वाया रतलाम-फतिहाबाद-इंदौर होकर प्रातः 8ः00 बजे डेमू गाड़ी चलाई जाये।
गाडी संख्या 79303-79304 रतलाम-नीमच-रतलाम डेमू यात्री गाडी को चित्तौडगढ तक बढाया जावें। क्योंकि चित्तौड़गढ़ से प्रातः 11.00 बजे से सायं 5.00 बजे के मध्य कोई भी यात्री गाड़ी रतलाम के लिये नहीं है।
उदयपुर-बान्द्रा-उदयपुर (गाड़ी संख्या 22902-01) जो सप्ताह में तीन दिन संचालित इसे प्रतिदिन किया जाये।
चित्तौड़गढ-कोटा-चित्तौड़गढ के मध्य दैनिक यात्री गाडी इस प्रकार चलाई जावें कि चित्तौड़गढ से प्रातः 8 बजे एंव कोटा से अपराहन 14.30 बजे प्रस्थान करें जिससे क्षैत्र की ग्रामीण जनता को सस्ती व शिघ्र रेल सुविधा का दिन में लाभ मिलें।
जोधपुर -रतलाम गाडी संख्या 19654-19653 को रतलाम से बडोदरा तक बढाया जावें।
3. गाडीयों के ठहराव के संबंध में
निम्बाहेडा स्टेशन परः-
गाडी संख्या 12719-20अजमेर-हैदराबाद-अजमेर सुपर फास्ट।
गाडी संख्या 19576-75 नाथद्वारा-ओखा-नाथद्वारा एक्सप्रेस का ठहराव प्रदान किया जावें ।
चन्देरिया स्टेशन पर :-
गाडी संख्या 29019-20 मन्दसौर-मेरठ-मन्दसौर लिंक ऐक्सप्रेस।
गाडी संख्या 12982-81 चेतक ऐक्सप्रेस।
का ठहराव प्रदान किया जावें।
4. चित्तौड़गढ स्टेशन पर निम्न गाडीयों में  आपातकालिन कोटा किये जाने के संबंध में
गाडी संख्या 13424-23  अजमेर- भागलपुर-अजमेर ऐक्स0।
गाडी संख्या 19601-02 उदयपुर-न्यू जलपाई गुडी-उदयपुर ऐक्स0
गाडी संख्या 11204-03 जयपुर-नागपुर-जयपुर ऐक्स0।

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