http://4.bp.blogspot.com/-5q2Nk3tjs9Q/VKmAzEK3cyI/AAAAAAAAD_U/L2HsJAmqhFg/s1600/eyetechnews%2BHeaderpngnew1.png

शराब से जिन्दगी बनती है खराब - मुनि विनय कुमार

चित्तौड़गढ़ 24, नवम्बर, हर व्यक्ति सुख समृद्धि व आरोग्य चाहता है लेकिन वे इनकी जड़ों के रूप में अहिंसा को सिंचित नहीं कर रहे हैं । बिना अहिंसा के जीवन में समस्याऐं बढ़ती है, जितनी कzुरता कम होगी वहीं अहिंसा का जन्म होगा ओर कzूरता का कारण खान-पान की अशुद्धि, मद्यपान का सेवन आदि ऐसे दुर्गुण है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में बाधक बनते हैं एवं इसी कारण से मानव में कzूरता, हिंसा बढ़ती है और घर में फाका मस्ती होती है । जीवन में एक छोटा सा दुर्गुण जीवन को नष्ट कर देता है । फटी हुई चादर को फटते हुए देर नहीं लगती उसी प्रकार से एक दुर्गुण सभी दुर्गुणांे को आमंत्रण देता है । ये शब्द श्री मुनि विनय कुमार जी आलोक ने इंटक की ओर से आयोजित इंटक कार्यालय ¼चन्देरिया लेड जिंक स्मेल्टर, चन्देरिया स्मेल्टिंग काWम्प्लेक्स½ के प्रांगण में सभा को संबोधित करते हुए कहे ।
कार्यकzम के अध्यक्षता प्रदेश इंटक महामंत्री श्री घनश्याम सिंह राणावत ने की । कार्यकzम में अधिकारी, कर्मचारी एवं श्रमिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया एवं लगभग 400 व्यक्तियों ने मद्यपान न करने का संकल्प किया ।
मुनि प्रवर ने आगे कहा कि शराब का नशा व्यक्ति को मदहोश कर देता है, उसके होश हवास गुम हो जाते हैं । शराबी व्यक्ति कोे कहीं भी आदर नहीं मिलता है, वह अनादर का शिकार होता है । उस व्यक्ति के घर मेंं भी उसको तिरस्कृत किया जाता है । शराब व्यक्ति को हिंसक बनाती है इसलिए हर व्यक्ति इससे दूर रहने का प्रयत्न करें । अहिंसा शु+द्ध व सात्विक भावों की गंगोत्री है । यह संतुलित, सुखद, निरापद जीवन शैली है । अहिंसा से ही प्रकृति व समाज की रक्षा हो सकती है । पृथ्वी को बचाने के लिए अहिंसा ही एक मात्र विकल्प है । हिंसा सामुहिक पागलपन है और उसमें किसी का भी हित नहीं है । विश्व में आतंक बढ़ने का प्रमुख कारण खान पान की अशु+द्धता ही सबसे बढ़ा कारण है । जब खान पान अपवित्रत होता है तो आचार विचार भी अपवित्र हो जाते हैं । अत: पवित्रता ही जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है । मुनि प्रवर ने अणुवzत आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा - अणुवzत जीवन का मेरूदण्ड है । जैसे शरीर में मेरूदण्ड की मूल्यवता है वैसे ही जीवन में पवित्रता रूपी मेरूदण्ड की आवश्यकता है । अणुवzत जीवन को आदर्शाेमुखी बनाने का प्रयत्न करता है । अणुवzत के छोटे-छोटे सूत्र जीवन को सुत्रित, गंzथित कर देते हैं । अणुवzत के चार संकल्प हैं :-
मैं धुमzपान व मद्यपान नहीं करूWंगा, मैं अपने प्राप्त अधिकारों का दुरूपयोग नहीं करूWंगा, मैं अपने जीवन को पवित्र रखWूंगा, मैं रिश्वत नहीं लWूंगा
प्रदेश इंटक महामंत्री श्री घनश्याम सिंह राणावत ने सभा को संबंधित करते हुए कहा - मुनि श्री विनय कुमार जी आलोक के विचारों से वे पूर्ण रूप से सहमत हैं तथा साथ ही हमारे यहाWं कार्यरत समस्त कर्मचारी पूर्व से ही मद्यमान, तामसिक वस्तुओं के सेवन, कzूर व्यवहार इत्यादि से कोई वास्ता नहीं रखते हैं एवं इस संबंध में वे स्वयं भी हमेशा सभी को समय-समय पर इस प्रकार के व्यवहार इत्यादि से दूर रहने की सलाह देते हैं । कार्यकzम के अंत में चन्देरिया लेड जिंक स्मेल्टर मजदूर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री एस.के.मोड़ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समस्त उपस्थित व्यक्तियों को अणुवzत के संकल्प पर चलने का आवहान किया व मुनि श्री विनय कुमार जी के आगमन पर उनका आभार व्यक्त किया ।


Share on Google Plus

About Eye Tech News

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment