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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने का संकल्प लें - ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री

चितौड़गढ़, 31 अक्टूबर - प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज तथा जिला प्रभारी मंत्री भरत सिंह ने पंचायतीराज संस्थाओ के जनप्रतिनिधियों को आव्हान किया कि वे अपने अधिकारो,कर्तव्यों एव दायित्वों का मेहनत, लगन, निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लें।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री सिंह रविवार को स्थानीय पंचायत समिति में स्थित इन्दिरा वाटिका में आयोजित पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तीकरण हेतु जिलास्तरीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने आज के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्रीमती इन्दिरा गांधी की पुण्य तिथि एवं पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती दिवस के अवसर पर यहां पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिये पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया गया है। उन्होने कहा कि आजादी के 60 वर्ष बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने हेतू गत 2 अक्टूबर को पंचायतीराज के सुदृढ़ीकरण हेतु पंचायतीराज विभाग को जनता से जुड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का स्थानान्तरण किया जाकर लोकतंत्रा की मूल भावनाओं के अनुरूप गांवों में स्थानीय सुशासन को मतबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुने हुए करीब एक लाख 30 हजार जनप्रतिनिधियों की इन पंाचों विभागों के पंचायतीराज संस्थाओं को स्थानान्तरित होने से और अधिक जिम्मेदारियां बढ़ गई है तथा यह उनके लिए चुनौतिपूर्ण कार्य होगा कि वे राज्य सरकार की मंशानुरूप अपने अपने क्षेत्राों में उक्त विभागों के संचालित कार्यो एवं योजनाओं की बेहतर क्रियान्विति सुसनिश्चित कर आम जन को योजनाओं एवं सेवाओं का सुचारू रूप से समयबद्व लाभ पहुंचाएं। उन्होने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं के कार्य संचालन में यदि उक्त विभागों के किसी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा कोताही बरती जाती है तो उसके विरूद्व राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होने जनप्रतिनिधियों को अपने अधिकारों के प्रति और अधिक जागरूक होने पर जोर देते हुए कहा कि वे उक्त विभागा की कार्य प्रणाली के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करें क्यों कि सम्बन्धित विषयों और कार्यो की जानकारी ही व्यक्ति की शक्ति होती है। उन्होने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को आपसी बेहतर तालमेल और सामंजस्य से उक्त विभागों के कार्यो की सफलता पूर्व प्रतिबद्वता से क्रियान्विति कर राज्य सरकार की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करें।
जिला प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर 09 को नागौर में आयोजित पंचायतीराज के स्वर्ण जयन्ती समारोह में पंचायतीराज को सुदृढ़ करने की जो घोषणा की थी उसे मूर्तरूप दिया गया है तथा प्रदेश के 7 संभागों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में किये जाने के साथ ही अन्य जिलों की जिला परिषदों में भी राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को लगाया गया है जो राज्य सरकार की पंचायतीराज सुदृढ़ीकरण की मंशा को परिलक्षित करता है।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की सभी पंचायत समितियों में प्रति माह के अन्तिम गुरूवार को बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं ताकि सभी पंचायत समितियों में नियमित रूप से बैठकें हो सकेंे। इसी प्रकार उन्होने सभी ग्राम पंचायतों में भी निर्धारित समय पर नियमित रूप से बैठकें आयोजित करने पर जोर देते हुए कहा कि इन बैठकों में चुने हुए प्रतिनिधि आवश्यक रूप से भाग लेकर अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं को मूर्तरूप देने में भागीदार बनें तथा उन्हैं जो जिम्मेदारियां सौंपी गई है, इस सम्बन्ध में भी वे आपस में सारगर्भित विचार विमर्श कर जनकल्याणकारी कार्यो एवं सेवाओं के सुचारू निष्पादन की कार्यवाही को अमलीजामा पहनाएं। उन्होने कहा कि इन बैठकों में चुने हुए जनप्रतिनिधि स्वयं ही भाग लें ताकि उनमें स्वयं निर्णय लेकर कार्य करने का विश्वास पैदा हो सकेगा। उन्होने कहा कि केवल निर्माण कार्यो से ही विकास नही होता बल्कि समाज के सर्वागींण विकास के लिए जनकल्याणकारी सेवाओं के माध्यम से हर व्यक्ति का स्वस्थ, स्वच्छ, शिक्षित एवं सुस्कारवान होना भी जरूरी है।
जिला प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पंचायत समितियों की बैठकों में आवश्यक रूप से भाग लें ताकि ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं का हाथोंहाथ निराकरण हो सके। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं को दीपावली के अवसर पर उक्त विभागों को उपहार के रूप में दिया है जिस पर उन्हैं अपना पसीना बहाकर इन विभागों की सुचारू क्रियान्विति करना है। उन्होने मुख्यमंत्री की पंचायतीराज के सुदृढ़ीकरण की संकल्पना को साकार करने का संकल्प लेने का आव्हान करते हुए कहा कि प्रदेश में चितौड़गढ़ जिला पंचायतीराज सुदृढ़ीकरण की मिसाल बनें।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख श्रीमती सुशीला जीनगर ने कहा कि .शक्ति, भक्ति, त्याग और बलिदान की भूमि चितौड़गढ़ में पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए आयोजित सम्मेलन से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांवों मे स्वराज का सपना साकार हो सकेगा वहीं गांवों के विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होगी जिससे पंचायतीराज सशक्त बनेगा। इसके लिए उन्होने राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होने संविधान के 73 वे संशोधन के तहत पंचायतीराज संस्थाओंे को स्थानान्तरित किये गये पांच विभागों के लिए मुख्यमंत्राी का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन विभागों के पंचायतीराज विभाग में स्थानान्तरण एवं इनका नियंत्राण इन संस्थाओं को सीधे रूप में सौंपने से पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। उन्हैं इसे चुनौति के रूप में लेकर सरकार की मंशा पर खरा उतरने का प्रयास करना होगा।
श्रीमती जीनगर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवंं अधिकारियों को मिलजुल कर जनहित के कार्यो को समयबद्वता के साथ करें ताकि ग्रामीणों को उक्त विभागों की योजनाओ का समुचित लाभ मिल सके। उन्होने पंचायतीराज संस्थाओ के जनप्रतिनिधियों का आव्हान किया कि वे अपने कर्तव्यों का पूरी मुस्तैदी से निर्वहन कर सरकार की कसौटी पर खरा उतरें। उन्होने कहा कि हम सब मिल कर उक्त विभागों के कार्यो की गुणवत्ता के साथ बेहतर क्रियान्विति सुनिश्चित कर चितौड़गढ़ को पंचायतीराज सुदृढ़ीकरण में राज्य का प्रथम जिला बनाने का संकल्प लें।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए क्षेत्राीय विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने आज के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि देश का लम्बे समय तक नेतृत्व करने वाली पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्रीमती इन्दिरा गांधी की पुण्यतिथि है वहीं देश के पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्राी सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती है तथा आज के दिन ही चितौड़गढ़ में पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तीकरण का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संविधान के 73 वे संशोधन के तहत पंचायतीराज के सुदृढ़ीकरण के लिए पंचायतीराज विभाग को उक्त पांचों विभागों का सीधा नियंत्राण देकर पंचायतीराज संस्थाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज के सुदृढ़ीकरण की दिशा में जो कदम उठाये हैं उससे अब ग्राम पंचायतों के सरपंच मानो अपने क्षेत्रा के मुख्यमंत्री ही बन गये है। उन्होने कहा कि जो विभाग पंचायतीराज विभाग को स्थानान्तरित किये गये हैं वे गरीबों, किसानों से सीधे रूप से जुड़े हुए हैं जिनका क्रियान्वयन अब पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों द्वारा किये जाने से ग्रामीणों को अधिकाधिक लाभ मिल सकेगा। उन्होने कहा कि अब इन विभागों के स्थानान्तरण से जिला परिषद, पंचायत समितियों एवं ग्राम पंचायतों को अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी केे साथ अंजाम देना होगा तभी ये संस्थाएं राज्य सरकार की कसौटी पर सही उतर सकेगी। उन्होने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री की मंशा है कि पंचायतीराज के जनप्रतिनिधि अपने अधिकारों का पूरा पूरा उपयोग करें और अपने स्तर पर ही इन विभागों की योजनाओं का संचालन कर ग्रामीणों को लाभ पहुंचाएं।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृषि विभाग के आयुक्त एवं जिला प्रभारी सचिव जे.सी. महान्ति ने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि राज्य सरकार ने उक्त पांचों विभागों का नियंत्राण के अधिकार दे दिये हैं, अब ग्राम पंचायत के सरपंच एवं पंचायत समिति क्षेत्रा के प्रधान एवं जिला प्रमुख सहित इन संस्थाओं के सभी जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी हो गई है कि वे अपने अपने क्षेत्रा के विद्यालयों का नियमित रूप से निरीक्षण कर छात्र छात्राओं के अध्ययन की गुणवत्ता का जायजा लें तथा यह भी देखें कि अध्यापक समय पर विद्यालयों में उपस्थित होकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है। इसी प्रकार आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका इन केन्द्रों पर आने वाले बालक बालिकाओं को स्वच्छ रखे तथा उन्हैं शाला पूर्व शिक्षा देने के साथ ही गरम भोजन भी उपलब्ध कराएंं तथा गांवों की गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच एवं टीकाकरण करने के साथ ही उन्हैं संस्थागत प्रसव के लिए पे्ररित करें तथा यह भी देखें कि .एन.एम. उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से उपलब्ध कराएं। उन्होने कहा कि इन संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों को जो अधिकार एवं कर्तव्य सौंपे गये हैं उनकी वे भलीभांति जानकारी हांसिल करें ताकि अपने कार्यो को मुस्तैदी से अंजाम दे सकें।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए जिला कलेक्टर डा. आरूषी . मलिक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को पंचायतीराज विभाग को स्थानान्तरित किये गये पांचों विभागों के सुचारू क्रियान्वयन के सम्बन्ध में पंचायतीराज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों और दायित्वों के प्रति जागरूक करने हेतुयह सम्मेलन आयोजित किया गया है। उन्होने कहा कि प्रधान एवं सरपंच तथा इन संस्थाओं के जनप्रतिनिधि विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्दों, उप स्वास्थ्य केन्दो, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दो का निरीक्षण कर इनकी गतिविधियों का सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करें वहीं यह भी देखें कि कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा खाद, बीज की उपलब्धता समय पर कराई जा रही है। उन्होने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार योजना के तहत कोई भी विधवा महिला के पात्रा बच्चे इस योजना से लाभान्वित होने से वंचित नही रहें। उन्होने इस विभाग की अन्य योजनाओं का भी ग्रामीणों को समुचित लाभ पहुंचाने का आव्हान किया। सम्मेलन को चितौड़गढ़ प्रधान श्रीमती पुष्पा जाट ने भी सम्बोधित किया। प्रारंभ में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.एल. स्वर्णकार ने सम्मेलन के आयोजन के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सम्मेलन के अन्त में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन.एस. चैहान ने अतिथियों एवं आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि जिला प्रभारी मंत्राी श्री सिंह ने वीएलई के रूप मेंे चयनित निःशक्त उपरेड़ा के शान्तिलाल शर्मा, मंूगा का खेड़ा निवासी सुश्री हीरा जटिया एवं सुवावा के गिरधारी लाल धाकड़ को कम्प्यूटर वितरित किये।
सम्मेलन में उप जिला प्रमुख मिठ्ठू लाल जाट, जिला परिषद सदस्य, प्रधान, उप प्रधान, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, उप सरपंच, वार्ड पंच, अतिरिक्त कलेक्टर अवधेशसिंह, खींवाराम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री सिंह ने चितौड़गढ़ पंचायत समिति के सेमलपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय का दौरा कर यहां सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला प्रशासन एवं जनभागीदारी से इस ग्राम पंचायत में स्वच्छता के तहत किये गये कार्यो का अवलोकन कर कार्यो की सराहना की। उन्होने उपस्वास्थ्य केन्द्र का भी अवलोकन किया।
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