उज्जैन महाकाल मे महाकाल आये भक्तो के बिच
महाकाल की नगरी उज्जैन मे सिंहस्थ में आने वाले मेनारिया समाज के लोगों के लिए भोजन , विश्राम की निशुल्क सुविधा सिंहस्थ कुम्भ उज्जैन मे वाना ,उदयपुर के भँवर धिरज पानेरि ने बनवाया करिब 48 लाख रुपये की लागत का रजत महाकालेश्वर मंदिर का दरबार देश के इतिहास में पहली बार रजत महाकालेश्वर का सवा 11 लाख रुद्राक्ष से रुद्राअभिषेक देश के इतिहास में पहली बार सिंहस्थ कुम्भ मे रजत महाकालेश्वर का सवा 11 लाख रुद्राक्ष से रुद्राअभिषेक किया जायेगा । ऐसा पहली बार होगा जब इतने रुद्राक्ष से रुद्राअभिषेक किया जायेगा नासिक कुंभ में अथक प्रयासों के बावजूद भगवान त्रयकम्भेश्वर के दर्शन नहीं हुऐ तो ठान लिया की महाकाल को ही भक्तों के बिच लाकर रहेगंे । और इसी तरह सिंहस्थ उज्जैन में महाकाल का दरबार तैयार हो गया रजत महाकालेश्वर का सवा 11 लाख रुद्राक्ष से रुद्राअभिषेक किया जायेगा यहा 11.25 लाख ऋद्रालु दर्शन के साथ रुद्राक्ष अभिषेक करेंगे । दिन मे क्षिप्रा जल रुद्राक्ष , शाम को पुष्प और रुद्राक्ष से हो का है अभिषेक , अभिषेक के बाद रुद्राक्ष अभिकर्तो को प्रसाद के स्वरुप दे दिया जायेगा । जिसकी एक एक की डाटा एन्ट्री हो रही है ताकी सावन में औकारेश्वर मे ऐसा मंदिर बनेगा तब उन्हें आमंत्रित किया जायेगा । यहाँ अब तक करिब 8 हज़ार लोगों ने महाकाल के दर्शन किये है करिब 48 लाख रुपये की लागत से बना यह मंदिर राजस्थान उदयपुर ज़िले के वाना गाँव निवासी पिलीग्रिमेज आर्गजाईनेशन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भँवर धिरज पानेरि ने तैयार करवाया है जो मात्र 30 वर्ष की उम्र में ही रुद्राक्ष के महत्व को बढ़ाने का महाअभियान शुरु हो गया है शिवलिंग को छोड़कर पुरा हिस्सा चाँदी का है जिसमे करिब 20 किलो चाँदी इस्तेमाल की गई है रुद्राअभिषेक में रुद्राक्ष नेपाल और इंडोनेशिया से मँगवाया गये है करिब 44 लाख रुपये की लागत के है रुद्राक्ष 10 लाख की मंगय मालाऐ भी शामिल 20 किलो कुल चाँदी का इस्तेमाल किया क्या है , हाथो से बनाये भाग मे 1 किलो पर करिब 2 लाख बनावई का खर्चेा आया । ये रजत महाकालेश्वर पीपली नाका चौराहा पर स्थापित किया गये है
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