उज्जैन । मध्यप्रदेश में प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 2008-09 से वर्ष 2015-16 तक कुल 15682 ग्रामोद्योग इकाईयों की स्थापना की गई है, जिसमें मार्जिनमनी के रूप में 49281.66 लाख रूपये वितरित किये जाकर एक लाख्ा 35 हजार 469 लोगो को रोजगार से जोड़ा गया है। यह जानकारी म.प्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र कुमार सक्सेना ने विगत दिनो अपने उज्जैन प्रवास के दौरान एक चर्चा में दी। उन्होने बताया कि मध्यप्रदेश में खादी तथा पोलीवस्त्र हेतु 49 संस्थाए आयोग की सीधी सूची में पंजीकृत है जिसमें से 22 संस्थाए कार्यरत हैं। इसके अलावा म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा भी विभागीय स्तर पर खादी कार्यक्रम किया जा रहा है। राज्य खादी और ग्रामोद्योग कार्यालय के अथक प्रयासों से एक संस्था ग्रामोद्योग विकास मंडल, बेलगांव, छिन्दवाडा अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग में निर्मित हुई है। मध्प्रदेश के 51 जिलों मे से लगभग 40 जिलों में खादी का कार्य किया जाता है जिसमें लगभग 49 उत्पादन केन्द्र एवं 102 विक्री भंडार संचालित है। मध्यप्रदेश में खादी का मुख्य कार्य जिन जिलो में होता है। उनमें ग्वालियर क्षेत्र में खादी के अंतर्गत एक सूती वस्त्र निर्माण के अतिरिक्त बंटीन क्लाथ तथा कम्बल का भी उत्पादन किया जाता है। अशोक नगर जिले के चंदेरी क्षेत्र में चंदेरी साड़ी का मुख्य उत्पादन केन्द्र है। टीकमगढ़ जिले में तरीचरकला, पृथ्वीपुर, जतारा क्षेत्रों में सूती, पोली एवं ऊनी टाइडाई शाल का उत्पादन प्रमुख रूप से हो रहा है। इन्दौर सम्भाग के अंतर्गत गाढ़ा एवं टेपेस्टी उत्पाद प्रमुख है। छिन्दवाड़ा संभाग के अंतर्गत सूती एवं पोली खादी का उत्पादन तथा रेशम का उत्पादन प्रारंभ किया गया है
खादी जिन्स का उत्पादन प्रारम्भ लोकप्रिय हो रही है डेनिम ख्रादी
मध्यप्रदेश राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र कुमार सक्सेना ने बताया कि वर्तमान समय में ग्राहकों की जिन्स वस्त्र में अभिरूची को देखते हूए उद्योग भारती गोंडल (गुजरात) के साथ मिलकर डेनिम खादी के नाम से खादी जिन्स वस्त्र का निर्माण छिन्दवाड़ा में खादी ग्रामोद्योगी संस्था के माध्यम से मध्यप्रदेश में प्रारंभ किया गया है। खादी उत्पादन कार्यक्रम को समृध्द करने हेतु खादी ग्रामोद्योग आयोग अपनी विभिन्न विभागीय योजना के माध्यम से संस्थाओं की सहायता कर रहा है। इनमें विपणन विकास सहायता, ब्याज राहत योजना, कमजोर संस्थाओं का उन्नयन खादी विकास सुधार कार्यक्रम वर्कशेड कार्यक्रम, आम आदमी बीमा योजना, उत्पादन अनुदान योजना, कामगार कल्याण एवं पेंशन न्यास, मानव संस्थान विकास एवं न्यू स्फूर्ति योजना शामिल है।
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