उज्जैन वैशाख पूर्णिमा, दिन शनिवार को सदी के द्वितीय सिंहस्थ कुंभ महापर्व के अंतिम शाही स्नान का नजारा अद्भूत, अलौकिक और अकल्पनीय था। आस्था का सैलाब चरम पर रहा। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पुण्य सलिला मोक्षदायिनी मां शिप्रा में अमृत स्नान करने के लिए भूत-भावन भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे। यह सिलसिला अनवरत जारी है। भक्ति से लबरेज श्रद्धालु जय-जय महाकाल के जयकारों के साथ सप्तपुरी अवंतिका नगरी में चारों दिशाओं से आने वाले श्रद्धालु शिप्रा तट पर स्नान के लिए आतुर नजर आ रहे हैं। सतातन धर्म व विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में ऐसा पहली बार हुआ कि शैव औरवैष्णव सम्प्रदाय ने एक ही समय पर पुण्य सलिला मां शिप्रा में अमृत स्नान किया। आज से पूर्व सिंहस्थ, कुंभ व अर्द्ध कुंभ में ऐसा नजारा देखने में नहीं आया जो बाबा महाकाल की वन भूमि पर देखा गया। वैशाख पूर्णिमा का गौरवशाली यह दिन युगों-युगों तक सनातन धर्म प्रेमी जनता की नजरों में अमीट रहेगा। संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर ने अंतिम शाही स्नान के बाद जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन की नगरी को गद गद कर देने वाले इस क्षण में करोड़ों श्रद्धालुओं ने सफलतापूर्वक मनोकामनायुक्त अमृत स्नान का लाभ लिया।
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