उज्जैन शाही स्नान की पूर्व संध्या से रात्रि 12 बजे तक कोई भी श्रद्धालु शिप्रा में स्नान का अवसर छोड़ना नहीं चाह रहा था। जैसे ही रात्रि 12 बजे रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट साधु संतों के शाही स्नान के लिए घाट खाली कराना प्रारंभ कर दिया गया। आम श्रद्धालुओं को इन दोनों घाटों से अन्य घाटों पर स्नान के लिए भेजा जाने लगा। इसके बाद शुरू हुआ रामघाट व दत्त अखाड़ा घाट की साफ सफाई का कार्य, आधुनिक मशीनों, चलित पंपों के द्वारा घाटों की धुलाई की गई। धुलाई के दौरान रामघाट व दत्त अखाड़ा घाट पूरी तरह से खाली दिखाई दे रहे थे। ऐसा
प्रतीत हो रहा था मानो शिप्रा तट को भी शाही स्नान के लिए नागा साधु-सन्यासियों का बेसब्री से इंतजार हो। घाटों की साफ-सफाई व धुलाई के पश्चात दूधिया रोशनी से नहाई शिप्रा मैया के पावन तट पर असीम शांति की अनुभूति हो रही थी। एक तरफ सुनहरी घाट, नृसिंह घाट व अन्य घाटों पर आम श्रद्धालु स्नान कर रहे थे वहीं दत्त अखाड़ा व रामघाट साधु संतों और अखाड़ों के शाही स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिए गए हैं।
प्रतीत हो रहा था मानो शिप्रा तट को भी शाही स्नान के लिए नागा साधु-सन्यासियों का बेसब्री से इंतजार हो। घाटों की साफ-सफाई व धुलाई के पश्चात दूधिया रोशनी से नहाई शिप्रा मैया के पावन तट पर असीम शांति की अनुभूति हो रही थी। एक तरफ सुनहरी घाट, नृसिंह घाट व अन्य घाटों पर आम श्रद्धालु स्नान कर रहे थे वहीं दत्त अखाड़ा व रामघाट साधु संतों और अखाड़ों के शाही स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिए गए हैं।
Blogger Comment
Facebook Comment