उज्जैन उन सबके आँखें तो नहीं थीं, पर चेहरे पर तैर रही मुस्कान और संतुष्टि के भाव यही कहते प्रतीत हो रहे थे कि मन की आँखों से हमने परम-पावन सिंहस्थ में सब कुछ देख लिया है। जैसे पुण्य सलिला का निर्मल नीर, महाकाल सहित सभी देवी-देवताओं के मंदिर, साधु-संतों के अखाड़े और महाकुम्भ का सम्पूर्ण वैभव। यहाँ बात हो रही है, प्रदेश की राजधानी भोपाल से आज अमरता के महापर्व सिंहस्थ में मोक्षदायिनी क्षिप्रा में डुबकी लगाने आये दृष्टि बाधित दिव्यांगों की। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित अपने निवास से इन दिव्यांग जनों को प्यार-दुलार एवं शुभकामनाओं के साथ विशेष वाहन से उज्जैन रवाना किया था। पवित्र नगरी उज्जयिनी पहुँचकर दिव्यांगजनों ने भूखीमाता मंदिर क्षेत्र में लालपुल के समीप स्थित पतंजलि घाट पर परम् पावनी क्षिप्रा में डुबकी लगाई। सिंहस्थ स्नान एवं भगवान महाकाल के दर्शन के लिए भोपाल के दृष्टिहीन कल्याण संघ से जुडे़ लगभग 55 दिव्यांग एवं उनके परिजन उज्जैन आये हैं। मुख्यमंत्री ने इस भाव के साथ दिव्यांगों को सिंहस्थ स्नान के लिए भेजा है कि वे भी समाज के अभिन्न अंग हैं। सामाजिक व्यवस्था में इनका भी बराबर का योगदान है। दल के साथ आए शिवाजी नगर भोपाल निवासी दृष्टि बाधित दिव्यांग आर.के.राठौर का कहना था मुख्यमंत्री ने हमें भोपाल से रवाना करते समय शुभकामनायें देते हुए कहा था कि आपको उज्जैन पहुँचकर मन की आँखों से परम-पावन सिंहस्थ के दर्शन होंगे। पवित्र सलिला क्षिप्रा में डुबकी लगाने के बाद मै वास्तव में अपने अंत:करण में मुख्यमंत्री द्वारा कही गई बातें महसूस कर रहा हूँ। इसी तरह साउथ टी.टी. नगर, भोपाल निवासी एस.डी.गजभिए सिंहस्थ की उत्तम व्यवस्थाओं से काफी खुश थे। वे मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कह रहे थे कि हम सबको उम्मीद से अधिक सुविधायें मिली। भोपाल से आए दिव्यांग दल के सदस्य यह भी कह रहे थे कि हम सब महाकाल के दर्शन भी करेंगे। हम सबको दर्शन कराने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष इंतजाम किये हैं। हर धर्म के अनुयायी की अभिलाषा होती है कि वह अपने जीवन में तीर्थ कर इस लोक को धन्य करे। जो तीर्थ करने में अपने आपको अक्षम पाते हैं, उनकी मदद करने का उत्तरदायित्व समाज पर होता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार इस दायित्व को बखूबी निभा रही है। बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के प्रति मुख्यमंत्री की सह्रदयता जगजाहिर है। श्री चौहान की पहल पर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का लाभ उठाकर जीवन के आखिरी दहलीज़ पर खड़े प्रदेश के लाखों बुज़ुर्गों ने तीर्थ यात्रा का सपना पूरा किया है। इसी योजना के भाव के साथ मुख्यमंत्री ने दृष्टि बाधित दिव्यांगों को भी कुम्भ स्नान कराया है। यह दिव्यांगों के लिए एक सपने के पूरा होने जैसा है।
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उन सबने मन की आँखों से देखा सिंहस्थ का वैभव मुख्यमंत्री की पहल पर आए दिव्यांगों ने किया क्षिप्रा स्नान
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