उज्जैन वैशाख पूर्णिमा के अवसर उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ में मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के पवित्र जल में शाही स्नान की पूर्व रात्रि में लाखों श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी शिप्रा में आस्था और विश्वास के साथ डुबकियां लगाई। शाही स्नान की पूर्व संध्या 20 मई की शाम से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब शिप्रा तट पर स्नान के लिए उमड़ पड़ा। रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, नृसिंह घाट, सुनहरी घाट, वाल्मीकि घाट, भूखी माता घाट और लालपुल, गऊघाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने 20 मई की मध्य रात्रि 12 बजे तक स्नान किया। सिंहस्थ के अंतिम शाही स्नान के एक दिन पूर्व
श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखने को मिला। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं एवं पुरुषों ने उज्जैन पहुंचकर शिप्रा के जल में डुबकी लगाने के अवसर का लाभ उठाया। लाखों श्रद्धालुओं के साथ शिप्रा तट पर डुबकी लगाकर अमृतपान करते हुए अलौकिक नजारा देखते ही बन रहा था। धर्म, आध्यात्म, आस्था व विश्वास का ऐसा नजारा पहले कभी देखने को नहीं मिला। शाही स्नान की पूर्व तैयारियों में प्रशासनिक अमला पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ था। होमगार्ड के जवान व तैराक दल नावों में सवार होकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए थे। सिंहस्थ सेवा दल के स्वयं सेवक भी घाट पर तैनात होकर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन कर रहे थे। पुलिस बल भी मुस्तैदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था में जुटा था।
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